नई दिल्ली। प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) ने औपचारिक रूप से भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखे गए व्यक्तिगत पत्रों को वापस करने का अनुरोध किया है, जो 2008 में यूपीए शासन के दौरान सोनिया गांधी को भेजे गए थे। 10 दिसंबर को लिखे एक पत्र में पीएमएमएल सदस्य रिजवान कादरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर उनसे सोनिया गांधी से मूल पत्रों को दोबारा वापस लेने या फोटोकॉपी या डिजिटल कॉपी देने का अनुरोध किया है। सितंबर में सोनिया गांधी से भी कुछ इसी तरह का अनुरोध किया गया था।
कादरी ने अपने पत्र में क्या कहा
कादरी ने अपने पत्र में कहा कि ये कागजात नेहरू के एडविन माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरूणा आसफ अली और जयप्रकाश नारायण समेत अन्य लोगों के साथ हुए पत्राचार से रिलेटेड हैं और एनएमएमएल सोसायटी ने इस साल फरवरी के महीने में अपनी आखिरी एनुअल मीटिंग के दौरान इस पर गहनता से चर्चा की थी।
पंडित नेहरू के ये पत्र काफी ऐतिहासिक
2008 में यूपीए के शासनकाल में 51 डिब्बों में भर कर नेहरू के व्यक्तिगत पत्र सोनिया गांधी के पास पहुंचाए गए थे। पंडित नेहरू के ये पत्र काफी ऐतिहासिक माने जाते हैं। पहले ये पत्र जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल के पास थे, जिन्हें साल 1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को दिए गए। अब इसी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को पीएम मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रुप में जाना जाता है। जिन पत्रों की मांग की गई है, उनमें पंडित नेहरू और एडविना माउंटबेन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मज नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद वल्लभ पंत आदि महान विभूतियों के बीच हुई बातचीत पर आधारित हैं।