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अब मथुरा में ‘श्रीकृष्ण विराजमान’ अदालत के दर पर!

मथुरा। अयोध्या नगरी में श्रीराम जन्मभूमि का विवाद तो सुलझ गया है, लेकिन अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला भी अदालत पहुंच गया है। ‘श्रीकृष्ण विराजमान’ नाम से मथुरा की अदालत में एक सिविल मुकदमा दायर कर 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक मांगा गया है, इसके साथ ही शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की अपील की गई है। 
सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मुकदमा दायर किया है। इनकी याचिका में जमीन को लेकर 1968 के समझौते को गलत बताया गया है। उन्होंने याचिका के जरिए 13.37 एकड़ की श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मालिकाना हक मांगा है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि का इतिहास

 – जिस जगह पर आज कृष्ण जन्मस्थान है, वह पांच हजार साल पहले मल्लपुरा क्षेत्र के कटरा केशव देव में राजा कंस का कारागार भवन हुआ करता था। इसी कारागार भवन में रोहिणी नक्षत्र में आधी रात को भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था।
– इतिहासकार डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल ने कटरा केशवदेव को ही कृष्ण जन्मभूमि माना है। विभिन्न अध्ययनों और साक्ष्यों के आधार पर मथुरा के राजनीतिक संग्रहालय के दूसरे कृष्णदत्त वाजपेयी ने भी स्वीकारा कि कटरा केशवदेव ही कृष्ण की असली जन्मभूमि है।
– इतिहासकारों के अनुसार सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा बनवाए गए इस भव्य मंदिर पर महमूद गजनवी ने सन 1017 ई. में आक्रमण कर इसे लूटने के बाद तोड़ दिया था।
– श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर तीन बार तोड़ा गया और चार बार बनाया जा चुका है। अभी भी कृष्ण जन्मभूमि पर मालिकाना हक के लिए दो पक्षों में विवाद चल रहा है। 
अगस्त माह में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास का गठन किया गया है। इस न्यास से देश के 14 राज्यों के 80 संतों को जोड़ा गया है। न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य देवमुरारी बापू ने बताया था कि ट्रस्ट 23 जुलाई हरियाली तीज को रजिस्टर्ड कराया गया है। 

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