देहरादून। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यूकेएसएसएससी के सूत्रों के मुताबिक सात भर्तियों में पांच में कोई गड़बड़ी नहीं है। केवल वाहन चालक और कर्मशाला अनुदेशक भर्ती पर ही संशय बना हुआ है। यदि शासन से अनुमति मिलती है तो दो-तीन दिन के भीतर आयोग प्रक्रिया शुरू कर सकता है। हालांकि वाहन चालक व कर्मशाला अनुदेशक भर्ती पर एक बार फिर से आयोग विश्लेषण कर फैसला ले सकता है।
गौरतलब है कि पेपर लीक विवादों में घिरी आठ भर्तियों की अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने विशेषज्ञ समिति गठित कर परीक्षण कराया था। इसमें समिति की रिपोर्ट पर आयोग ने एलटी भर्ती परीक्षा को क्लीन चिट दे दी, लेकिन सात अन्य भर्तियां वर्तमान में लोक सेवा आयोग के अधीन होने से शासन ने विधिक राय मांगी है। अनुमति मिलने के बाद ही आयोग इन भर्तियों पर फैसला लेगा। चार भर्तियों का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुआ है।
यूकेएसएसएससी ने एलटी, कनिष्ठ सहायक, वैयक्तिक सहायक, पुलिस रैंकर, वाहन चालक, कर्मशाला अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार भर्तियों का परीक्षण कराया था। जांच के बाद समिति ने आयोग को रिपोर्ट सौंपी थी। एलटी भर्ती परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिलने पर आयोग क्लीन चिट देकर नौ जनवरी 2023 से मेरिट में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज का सत्यापन करने की अधिसूचना जारी कर चुका है।
पेपर लीक मामले की जांच एसटीएफ को सौंपने के साथ ही सरकार ने एक्ट में संशोधन कर यूकेएसएसएससी की 23 भर्तियों को लोक सेवा आयोग को सौंप दी थी। इनमें सात भर्तियां कनिष्ठ सहायक, वैयक्तिक सहायक, पुलिस रैंकर्स, वाहन चालक, कर्मशाला अनुदेशक, मत्स्य निरीक्षक, मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार भर्ती भी शामिल हैं। आयोग ने इन भर्तियों पर शासन से विधिक राय मांगी है। अनुमति मिलने के बाद आयोग इन भर्तियों पर फैसला लेगा।
एक सवाल के जवाब में चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि सात भर्तियां लोक सेवा आयोग के अधीन होने से इन पर निर्णय लेने के लिए शासन से विधिक राय मांगी गई है। इसके बाद ही इन भर्तियों पर आयोग की ओर से अगली कार्रवाई की जाएगी।
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