देहरादून। UKSSSC पेपर लीक मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। लंबी पूछताछ के बाद आरआईएमएस कंपनी लखनऊ का मालिक राजेश चौहान को एसटीएफ उत्तराखंड ने पेपर लीक करने और केंद्रपाल व अन्य के माध्यम से सौदा करने के साक्ष्य के आधार पर गिरफ्तार कर लिया है। चार-पांच दिसम्बर को आयोग की ओर से करवाए गया स्नातक स्तर का पेपर प्रिंटिंग प्रेस से ही सबसे पहले लीक हुआ था।
स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने इससे पहले गिरफ्तार हाकम सिंह रावत को धामपुर भी ले गई। वहां उससे कई घंटे पूछताछ की गई। इस मामले में प्रिंटिंग प्रेस के दो आरोपित जयजीत व अभिषेक वर्मा को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
दूसरी ओर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की एजेंसी (एसटीएफ) जांच कर रही है, यदि कोई कमी मिलती है तो अन्य विकल्प खुले हैं।
वहीं उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के भर्ती घपले की अब तक की जांच में राज्य के नौ जिलों में नकल माफिया का जाल सामने आ चुका है। उत्तराखंड के पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ जनपद को छोड़कर बाकी सभी जिलों से एक ना एक गिरफ्तारी हो चुकी है। अब तक पकड़े गए 25 आरोपियों में से नौ तो सरकारी कर्मचारी हैं।