देहरादून। आज शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक शिष्टमंडल ने पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट के नेतृत्व में राजभवन जाकर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से मुलाकात की। शिष्टमंडल में शामिल नरेश शर्मा, डाॅ. आरपी रतूडी, उमा सिसोदिया, आजाद अली, रविंद्र आनंद, कमलेश रमन, अशोक सेमवाल, सीपी सिंह, सागर हांडा ने उनको एक ज्ञापन सौंपा और उनसे मांग की कि उत्तराखंड में राज्य की पहली अंतरिम सरकार से लेकर अब तक की भाजपा और कांग्रेस की सभी निर्वाचित सरकारों ने अपने अपने कार्यकाल में राज्य में विकास को प्राथमिकता मे रखने और जन समस्याओं के समाधान पर ध्यान देने के बजाय राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने पर ज्यादा ध्यान दिया। दोनों दलों भाजपा और कांग्रेस की इस करतूत से राज्य के युवाओं का मनोबल गिरा है, उनके हक मारे गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के नौजवानों को उनके अधिकार मिलें, हमारी मातृ शक्ति को समानता के साथ रोजगार का अधिकार मिल सके। राज्य में नौकरियों की भर्तियों में हो रही लगातार अनियमितता पर रोक लगाने के लिए जरूरी है कि विगत 22 वर्षों में विधानसभा सचिवालय में विभिन्न पदों पर की गई भर्तियों की सीबीआई जांच करवा कर गलत तरीके से की गई नियुक्तियों को निरस्त करवाया जाए। इसके दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।
आप नेताओं ने कहा कि राज्य में आजकल अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में भर्ती के घोटालों की भारी चर्चा है। इस चर्चा पर विराम लगाने तथा भविष्य मे पारदर्शी तरीके से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित जिन नौ परीक्षाओं में धांधली की खबर आई है, उन सबकी जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज से करवाई जाए। जांच में दोषी पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
शिष्टमंडल की मांग थी कि उच्च न्यायालय में राज्य की भाजपा सरकार की कमजोर पैरवी के कारण विगत 20 वर्षों से राज्य की नौकरियों में महिलाओं को मिलने वाले 30 प्रतिशत आरक्षण के लाभ से वंचित होना पड़ा है। राज्य की महिलाओं को उनका हक पुनः मिले, इस हेतु राज्य सरकार अपने स्तर पर सक्षम कार्यवाही करे। राज्यपाल ने जोत सिंह बिष्ट और शिष्टमंडल में शामिल सभी लोगों के विचार सुनने के बाद आश्वासन देते हुए कहा कि वह आम आदमी पार्टी की तीनों महत्वपूर्ण मांगों पर गंभीरता से विचार मंथन करने के बाद आवश्यक कार्यवाही करेंगे।