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उत्तराखंड: विधानसभा में बैक डोर से चहेतों को बांटी गईं रेवड़ियां!

  • आप प्रदेश समन्वयक जोत सिंह बिष्ट का आरोप, विधानसभा सचिवालय में 22 सालों में की गई नियुक्तियों की जांच कराए सरकार

देहरादून। आप प्रदेश समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने अपने शासनकाल में विधानसभा सचिवालय में पिछले 22 सालों में अपने चहेतों को खूब रेवड़ियां बांटी हैं और बैक डोर से भर्ती कर उत्तराखंड राज्य के निर्माण में शहीद हुए आंदोलनकारियों की भावना का अपमान किया है। राज्य की पहली अंतरिम सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और घोटालों की जो बुनियाद पड़ी, पिछले 22 सालों में भ्रष्टाचार की उस बुनियाद को दोनों पार्टियों की सरकारों ने फलने फूलने दिया।
बिष्ट ने कहा कि अब तक की चाहे कांग्रेस हो, चाहे भाजपा की, किसी भी सरकार ने ऐसा साहस नहीं दिखाया कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए। उसी का परिणाम है कि आज राज्य का बेरोजगार नौजवान नौकरियों की भर्ती में हो रहे भ्रष्टाचार की वजह से अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में पेपर लीक से लेकर नकल के जो मामले सामने आए. उससे ज्यादा घपला और भ्रष्टाचार राज्य की 4 विधानसभा के कार्यकाल में विधानसभा में की गई भर्तियों में हुआ है।
जोत सिंह ने दावा किया कुछ लोगों को विधानसभा में नौकरी देने के नाम पर उनसे 3 साल का वेतन अग्रिम लिया गया। ये घटनाएं हमारे लिए चिंताजनक है। जो नौजवान पूरी मेहनत और लगन से पढ़ाई करके नौकरी के इंटरव्यू में या लिखित परीक्षा में पास होने का हक रखता है, सही उत्तर होने पर भी उस को फेल कर दिया जाता है और रिश्वत लेकर के नौकरी बेची जा रही है। रिश्वत देकर नौकरी पाने वाले लोग अपने पूरे कार्यकाल में वसूली करने में लग जाते हैं तथा जनता को लूटने का काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तीन परीक्षाओं की जांच कराकर के वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है। हकीकत यह है कि इस राज्य के अंदर अब तक जितनी नौकरियां लगी, चाहे वे स्थायी हों या संविदा की, उनमें क्या-क्या घपले घोटाले हुए, इसकी जांच कराए जाना नितांत आवश्यक है। तभी राज्य के योग्य और सही मायने में हकदार बेरोजगारों  को न्याय मिल पाएगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो फिर सत्ता में भाजपा रही या कांग्रेस, दोनों ‘चोर चोर मौसेरे भाई‘ वाला खेल दोनों पार्टियां मिलकर कर रही है।
उन्होंने कहा, इसका यह प्रमाण है कि खंडूड़ी ने वर्ष 2007 में मुख्यमंत्री बनने पर ‘56 घोटाले उजागर’ करने की बात कही तो फिर अगली कांग्रेस सरकार में बहुगुणा ने 490 घोटाले की जांच की बात कही, लेकिन किसी एक भी घोटाले का पर्दाफाश नहीं हुआ, न किसी के खिलाफ कार्रवाई हुई और न ही किसी बड़ी मछली पर गाज गिरी। बस छोटे लोगों को पकड़कर कर लीपापोती करके यह संदेश देने की कोशिश होती है कि हमने भ्रष्टाचार पर रोक लगाने का प्रयास किया। यही कारण है कि राज्य में दोनों पार्टियां लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं कर रही हैं। बिष्ट ने कहा कि राज्य के अंदर बेरोजगारों के हितों की रक्षा के लिए आम आदमी पार्टी लगातार संघर्ष करती रहेगी, तथा दोनों पार्टियों के जनविरोधी नीतियों व कारनामों को जनता के सामने उजागार करती रहेगी।  

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