- जीत को लेकर धामी और हरदा के बीच जुबानी जंग, हरीश रावत की ‘बेकरारी’ पर भाजपा ने कसे तंज
देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने में अभी 24 दिन शेष है, लेकिन कांग्रेस नेता हरीश रावत और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद पर कौन विराजमान होगा, इसकी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत का बयान- ‘या तो मुख्यमंत्री या घर बैठ जाऊंगा’ के सामने आने के बाद पार्टी के भीतर खलबली मची है।
अब हरदा ने कहा कि लोग पूछ रहे है कि कांग्रेस की घोषणाएं कैसे पूरी होंगी तो हरीश रावत इसकी गारंटी लेने का तैयार हैं। अप्रत्यक्ष तौर पर उनकी इस बात को खुद को मुख्यमंत्री के सबसे बेहतर चेहरे के तौर पर प्रस्तुत करने से देखा जा रहा है। हरीश की इस गारंटी को भी अप्रत्यक्ष तौर पर खुद को सबसे बेहतर सीएम चेहरा प्रस्तुत करने के तौर पर देखा जा रहा है। वैसे ही उनकी घर बैठ जाने वाली बात से पार्टी के दूसरे गुट में पहले से ही खलबली है। बुधवार को पार्टी कार्यालय में जहां इस बात पर चर्चा होती रही कि पार्टी की कितनी सीटें कहां-कहां से आ रही हैं, वहीं इस बात को लेकर भी खासी गहमागहमी रही सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन विराजमान होगा।
इस बात की भी चर्चा रही कि सरकार बनने की स्थिति में पार्टी दो गुटों के बीच ढाई-ढाई साल का फार्मूला भी तय कर सकती है। इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि सीएम के चेहरे को लेकर कोई बात ही नहीं है। पार्टी का स्पष्ट मत है कि बहुमत में आने पर विधायक दल अपना नेता चुनेगा और पार्टी हाईकमान उस पर मुहर लगाएगा। व्यक्तिगत रूप से कौन खुद को कैसे प्रस्तुत कर रहा है, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
हरदा के इस बयान… ‘मुख्यमंत्री बनूंगा नहीं तो घर बैठ जाऊंगा’ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि 10 मार्च को हरीश रावत की इच्छा पूरी हो जाएगी, प्रदेश जनता उन्हें घर बैठाएगी। उधर प्रदेश भाजपा ने भी कांग्रेस पर कटाक्ष किया कि वह खयाली पुलाव खाने को तैयार बैठी है। चुनाव में हरीश रावत जनता की नहीं बल्कि कुर्सी की लड़ाई लड़ रहे थे।
हरीश रावत के बयान की सियासी हलकों में खूब चर्चा है। भाजपा इसे कांग्रेस और सत्ता लोलुपता से जोड़कर देख रही है। मुख्यमंत्री बनूंगा नहीं तो घर बैठ जाऊंगा संबंधी बयान पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 10 मार्च को इसका खुलासा हो जाएगा। भाजपा प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। हरीश रावत को घर बैठाकर प्रदेश की जनता उनकी इच्छा को जरूर पूरा करेगी।
उधर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि सत्ता की प्यासी कांग्रेस की हालत यह है कि अभी जनादेश ईवीएम में है और कांग्रेस में मुख्यमंत्री की दौड़ शुरू हो गई है। हरीश तो अपनी पार्टी को चेतावनी तक दे चुके हैं। मुख्यमंत्री न बनने पर वह जनता के बीच न रहकर घर बैठने की बात कह रहे हैं। इससे साफ है कि जनसरोकारों की बात कहने वाले हरीश रावत भी कुर्सी की ही लड़ाई लड़ रहे थे।
चौहान ने कहा कि बेसब्र कांग्रेस को अपने फैलाये भ्रम और षड्यंत्र पर भरोसा है और जनता पर भरोसा नहीं है। जनता भाजपा को आशीर्वाद दे चुकी है और कांग्रेस को उसकी गलतफहमी भारी पड़ेगी। हालांकि दोनों राष्ट्रीय दलों के दावों की असलियत 10 मार्च के बाद ही सामने आएगी।