Thursday , July 3 2025
Breaking News
Home / उत्तराखण्ड / 2030 तक सतत विकास का लक्ष्य पाने को और तेजी से होंगे प्रयास : त्रिवेंद्र

2030 तक सतत विकास का लक्ष्य पाने को और तेजी से होंगे प्रयास : त्रिवेंद्र

  • सीएम ने यूएनडीपी व सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एंड गुड गवर्नेंस, नियोजन विभाग के सहयोग से एसडीजी मोनिटरिंग हेतु तैयार डैश बोर्ड का किया विमोचन

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज मंगलवार को सचिवालय में यूएनडीपी तथा सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड गवर्नेंस, नियोजन विभाग के सहयोग से तैयार सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी)  मोनिटरिंग हेतु तैयार डैश बोर्ड का विमोचन किया।
इस मौके पर त्रिवेन्द्र ने कहा कि 2030 तक सतत विकास का जो लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए और तेजी से प्रयासों की आवश्यकता है। इस दिशा में कुछ क्षेत्रों में अच्छा कार्य हुआ है। राज्य में कुपोषण से मुक्ति के लिए चलाये गये अभियान, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना, जल संचय, संरक्षण तथा नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी अनेक प्रयास किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि लोगों को स्वच्छ एवं उच्च गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में भी जल्द ही पानी का कनेक्शन सस्ती दरों पर दिया जायेगा। इन सभी प्रयासों के आने वाले समय में बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे। जिला योजना का 40 प्रतिशत बजट स्वरोजगार के लिए खर्च किया जा रहा है। उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग करने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। भारत नेट 2 से नेटवर्किंग और कनेक्टिविटी बढ़ेगी, इसका भी लोगों की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।  

उन्होंने कहा कि लक्ष्यों के आधार पर जो भी योजनाएं बनाई गई हैं, उनको पूरा करने के लिए नियमित मॉनिटरिंग भी की जाये। विजन 2030 राज्य के भविष्य व आर्थिक विकास की रूपरेखा है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सतत विकास लक्ष्य के लिए जो 17 क्षेत्र चुने गये हैं, उनमें दिये गये सभी इन्डीकेटर पर किये जा रहे कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि डैशबोर्ड में सभी जनपद समय-समय पर अपनी उपलबिधयां अपलोड करेंगे तथा रैंकिंग के आधार पर जिन योजनाओं/ इंडीकेटरों में कमी प्रदर्शित होती है उनको प्राथमिकता में लेते हुए सतत विकास का लक्ष्य कार्यान्वयन में सुधार करने के हर संभव प्रयास करेंगे। त्रिवेन्द्र ने सतत विकास लक्ष्य के विभिन्न आयामों गरीबी समाप्त करने, कुपोषण को कम करने, स्वस्थ जीवन, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, शुद्ध पेयजल तथा स्वच्छता, स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिकी में वृद्धि, राज्य में असमानताओं को कम करने, शहरों के विकास, जलवायु परिवर्तन, वनों का प्रबंधन तथा जैव विविधता की रक्षा करने तथा त्वरित न्याय के साथ सुशासन हेतु संस्थानों को मजबूत बनाने पर बल दिया।

अपर मुख्य सचिव नियोजन मनीषा पंवार ने कहा कि राज्य में सतत विकास लक्ष्य के क्रियान्वयन हेतु 2018 में उत्तराखण्ड विजन 2030 बनाया गया। जो 17 क्षेत्रों में वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु रौडमेप प्रदान कर रहा है। नीति आयोग के दिशा निर्देशों पर 371 संकेतक चयनित किये गये हैं, जिसमें राष्ट्रीय संकेतक तथा राज्य की प्रासंगिकता के अनुसार संकेतक सम्मिलित हैं।
यूएनडीपी की राष्ट्रीय प्रमुख शोको नोडा ने कहा कि उत्तराखण्ड ने एसडीजी के फ्रेमवर्क निर्माण एसडीजी के स्थानीयकरण में सराहनीय कार्य किया है। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सीपीपीजीजी डॉ. मनोज कुमार पंत द्वारा सतत विकास लक्ष्यों के सबंध में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक लक्ष्य के अनुसार विभागों को चिन्हित करते हुए योजनाओं तथा संकेतकों की मैपिंग का कार्य पूर्ण किया गया है। जिसको पुस्तिका के रूप में जनपद स्तर से ग्राम पंचायत स्तर तक वितरित किया गया है। इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. पंकज पाण्डेय, सुशील कुमार, यूएनडीपी की स्टेट हैड रश्मि बजाज, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारी तथा सीडीओ उपस्थित थे।

About team HNI

Check Also

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से जुड़ी महिलाएं बनेंगी सौर सखी, हर जिले में दिया जायेगा प्रशिक्षण

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के विकासकर्ताओं के साथ संवाद देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने …

Leave a Reply