पौड़ी। शिक्षक की भूमिका बच्चों के उज्जवल भविष्य को तरासने और सवारने का कार्य करती है। शिक्षक के द्वारा दिए गए ज्ञान से बच्चे अपनी जिन्दगी में कामयाम होते है। शिक्षकों का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि समाज में स्थापित बुराईयों को दूर कर उनका व्यक्तिव निर्माण करना भी है। शिक्षा का अर्थ किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि अनुशासन में रखकर चरित्र निर्माण, सद्गुणी, संस्कारी एवं स्वच्छ विचार उत्पन्न करने का होता है।
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों की दशा किसी से छिपी नहीं है, ऐसे में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की बजाय शिक्षक आपसी विवादों में उलझे हुए हैं। ऐसा ही एक वीडियो पौड़ी जनपद के विकासखंड कल्जीखाल स्थित अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज से सामने आया है, जहां कुछ महीनों से शिक्षकों के आपसी विवाद के चलते छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। अभिभावक और शिक्षकों की मीटिंग के दौरान प्रिंसिपल को किसी बात पर गुस्सा आ गया और वह श्राप देने लगे।
दरअसल पौड़ी जिले के कल्जीखाल विकासखंड के अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज बिलखेत में 151 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं, लेकिन बीते कुछ महीने से शिक्षकों के आपसी विवाद के चलते छात्रों का पठन-पाठन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। बच्चों ने अभिभावकों से पठन-पाठन प्रभावित होने की शिकायत की। जिस पर अभिभावकों ने पीटीए बैठक बुलाए जाने की मांग की, साथ ही प्रकरण की शिकायत मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी से भी की। जिसमें शिक्षकों के बीच आपसी आरोप-प्रत्यारोप होते दिखाई दिए। प्रभारी प्रधानाचार्य अविनाश चंद्र शर्मा वीडियो में कहते सुनाई दे रहे हैं, ‘आप भगवान शंकर की सौगंध खाइए कि मैडम रो नहीं रही थीं। अरे कोढ़ फूट जाएंगे तुम्हें। कितना झूठ बोलोगे इस नवरात्रि में। मैं ब्राह्मण हूं और इतना झूठ बोलोगे न, तो मैं श्राप देता हूं कि तुम्हारे शरीर में कीड़े पड़ेंगे। ये भगवान का कवच है मेरे पास। मैं श्राप देता हूं कि तू कुत्ते की मौत मरेगा और तेरे शरीर में कीड़े पड़ेंगे।’
प्रभारी प्रधानाचार्य के पदभार लेने से छिड़ा विवाद
अभिभावकों का कहना था कि 24 जुलाई को स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य ने पदभार संभाला। जिसके बाद से स्कूल में शिक्षकों के आपसी विवाद को लेकर शिकायतें आने लगी थी। छात्रहित में अभिभावकों ने शिक्षकों से स्कूल के शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने की अपील की, लेकिन उनके व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया। आरोप था कि स्कूल के चार शिक्षक आए दिन आपस में गाली-गलौज तक पर उतर आ रहे हैं। जिसका अध्ययनरत नौनिहालों के भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि विवाद के चलते बच्चों के यूनिट टेस्ट भी नहीं हो पाए हैं। स्कूल प्रशासन लगातार यूनिट टेस्ट की तिथियों में बदलाव कर रहे हैं। इसका बच्चों की तैयारी भी प्रभावित हो रही है।अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से विद्यालय का शैक्षणिक माहौल बिगाड़ रहे चारों शिक्षकों का तबादला किए जाने और विद्यालय को नियमित प्रधानाचार्य दिए जाने की मांग की है।
प्रधानाचार्य समेत चार पद हैं रिक्त:-
राजकीय इंटर कॉलेज बिलखेत में प्रधानाचार्य समेत चार पद रिक्त चल रहे हैं। स्कूल में प्रधानाचार्य का पद लंबे समय से खाली है। इसके अलावा प्रवक्ता भौतिक विज्ञान, एलटी कृषि और व्यायाम का पद रिक्त है। हालांकि, एलटी व्यायाम पद पर अतिथि शिक्षक सेवारत है।
संदिग्ध बताई जा रही है एक शिक्षक की भूमिका:-
स्कूल के शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने में एक शिक्षक की भूमिका को संदिग्ध बताया जा रहा है। अभिभावकों का आरोप है जुलाई से पहले स्कूल में शैक्षणिक, खेल समेत अन्य गतिविधियां बेहतर रूप में संचालित हो रही थी, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे शिक्षकों की मनमानी और अराजकता से माहौल बढ़ता चला गया।
दो सदस्यीय टीम कर रही है प्रकरण की जांच:-
स्कूल में चल रहे विवाद की दो सदस्यीय टीम जांच कर रही है, जिसमें बीईओ द्वारीखाल और प्रभारी प्रधानाचार्य लैंसडौन शामिल हैं। टीम ने शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों से प्रकरण को लेकर हर पहलू पर बातचीत कर ली है। द्वारीखाल बीईओ सुरेंद्र नेगी ने बताया कि जांच अंतिम चरण में चल रही है। स्पष्ट संस्तुति के साथ जल्द ही रिपोर्ट पौड़ी सीईओ को भेजी जाएगी।
प्रभारी प्रधानाचार्य ने दी राजस्व पुलिस को तहरीर:-
जीआईसी बिलखेत के प्रभारी प्रधानाचार्य अविनाश चंद्र शर्मा ने राजस्व पुलिस को एक तहरीर सौंपी है। तहरीर में बताया कि एक अभिभावक ने पीटीए की बैठक में शिक्षकों और अभिभावकों को भड़काने का काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें प्रभार से हटाए जाने के लिए प्रस्ताव बनाए जाने का दबाव भी दिया गया, साथ ही आरोप है एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर उनकी और स्कूल की छवि धूमिल करने का काम किया गया। वहीं, मनियारस्यूं तीन की प्रभारी राजस्व उपनिरीक्षक नीमा आर्य ने बताया कि प्रकरण की जांच शुरु कर ली गई है।