- उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में नवाचार के लिये किया गया सम्मानित
देहरादून। आज गुरुवार को उत्तराखंड शौर्य अभियान समिति द्वारा कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को उत्तराखंड शौर्य सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान उच्च शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में किये गये नवाचार प्रयोगों के लिये दिया गया। डॉ. रावत पहले ऐसे राजनेता हैं जिन्हें यह पुरस्कार दिया गया। इससे पूर्व यह सम्मान पद्मश्री जगत सिंह जंगली, पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा आदि को मिल चुका है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार एवं विशिष्ट कार्य किये हैं।
उत्तराखंड शौर्य अभियान समिति द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को वर्ष 2022 के शौर्य सम्मान से सम्मानित किया गया। जिसमें समिति द्वारा डॉ. रावत को प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर डॉ. रावत ने बताया कि सूबे के अंतिम व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना एवं शिक्षा की अलख जगाना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां आगामी जुलाई माह में नई शिक्षा नीति लागू कर दी जायेगी। इसी तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार द्वारा लोगों को अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत 5 लाख तक का मुफ्त इलाज दिये जा रहा है। अब तक साढ़े सात लाख लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के लिये एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई है।
कार्यक्रम में समिति के सदस्य एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह गांववासी ने कहा कि उत्तराखंड में डॉ. धन सिंह रावत एक ऐसे नेता हैं जो लोकप्रिय जनप्रतिनिधि होने के साथ ही एक सच्चे जनसेवक भी हैं। जिन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र में अप्रत्याशित विकास कार्य तो किये ही हैं, विशेषकर उच्च शिक्षा विभाग में उन्होंने अभूतपूर्व एवं नवाचार प्रयोग किये जो सफल रहे। डॉ. रावत पहले राजनीतिक व्यक्ति हैं जिनको समिति द्वारा इस सम्मान के लिये चुना गया। इससे पूर्व समिति ने पद्मश्री जगत सिंह जंगली, पदमश्री प्रेमचंद शर्मा सहित कई हस्तियों को उत्तराखंड सम्मान से सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह में राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान के निदेशक डॉ. हिमांशु दास, हिमालयन विवि के कुलपति प्रो. जेपी पचौरी, सलाहकार रूसा प्रो. एमएसएम रावत, प्रो. केडी पुरोहित, पर्वतीय विकास शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अरविंद दरमोड़ा, प्रो. मोहन सिंह पंवार, पूर्व निदेशक बागवानी डॉ. बीएस नेगी, पूर्व सेनानायक एसएसबी एसएस कैन्तुरा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।