अबकी बार कौन?
- पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के चार साल के कार्यकाल पर जनता ने लगाई मुहर
- खटीमा सीट गंवाने के बावजूद धामी को मिल सकता है इनाम
- बलूनी और निशंक के चेहरे को भी आगे कर सकती है भाजपा
- इन सबसे इतर नया चेहरा लाकर चौंका भी सकते हैं मोदी
देहरादून। देवभूमि में भाजपा एक बार फिर इतिहास रचने की ओर है। पार्टी को यहां साफ बहुमत मिला है। हालांकि भाजपा नेता व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। खटीमा सीट से उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने हराया है। धामी की हार के साथ ही यह चर्चा भी तेज हो गई है कि राज्य में अब भाजपा का सीएम पद का चेहरा कौन होगा।
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के चार साल के कार्यों पर लगी मुहर : चुनाव से करीब नौ महीने पहले भाजपा ने अचानक त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर पहले तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया था। हालांकि तीन माह के अंदर ही उन्हें भी जाना पड़ा था। तीरथ के बाद एक नये युवा चेहरे पुष्कर सिंह धामी को सीएम की कुर्सी सौंप दी थी। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से लेकर तमाम राष्ट्रीय नेताओं ने उन्हीं योजनाओं और विकास कार्यों के नाम पर वोट मांगे थे जो त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल के दौरान किये गये थे। अब धामी के हार जाने पर सबसे पहले उन्हीं के नाम की चर्चा शुरू हो गई है। इसका कयास आज त्रिवेंद्र के आवास पर जाकर सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं के जश्न मनाने से भी लगाया जा रहा है।
धामी को भी मिल सकता है इनाम : उत्तराखंड में शानदार जीत का इनाम पुष्कर सिंह धामी को मिल सकता है। संभव है कि खटीमा से हार के बावजूद भाजपा उन्हें इनाम दे। जानकारी के मुताबिक हार के बाद भी सीएम पद के चेहरे के रूप में धामी का नाम भी चल रहा है। उन्हें छह महीने पहले ही सीएम बनाया गया था। इतने कम समय में भी उन्होंने राज्य में संगठन को संभाला और सत्ता विरोधी लहर को खत्म किया।
बलूनी या निशंक की होगी वापसी : भाजपा यहां अनिल बलूनी को भी सीएम बना सकती है। दरअसल राज्यसभा सांसद बलूनी गृहमंत्री अमित शाह के करीबी हैं और उत्तराखंड के रहने वाले हैं। हालांकि भाजपा उत्तराखंड में अपने दिग्गज नेता व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को भी सीएम के रूप में उतार सकती है। निशंक पूर्व में भी उत्तराखंड के सीएम रहे हैं। वर्तमान में लोकसभा सांसद भी हैं और वह बहुत पहले से ही इस जोड़ तोड़ में लगे हैं।
फिर चौंका सकते हैं मोदी : उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर सभी को चौंका भी सकते हैं। हो सकता है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व राज्य में सीएम के रूप में किसी नए चेहरे को सामने लाए। उत्तराखंड में पहले भी पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाकर भाजपा नेतृत्व ने सभी को हैरान कर दिया था। इससे पहले भी मोदी व शाह की जोड़ी कई ऐसे निर्णय ले चुकी है, जिन्होंने सभी को चौंकाया है।
वर्ष 2012 व 2017 में भी हारे थे सीएम : हालांकि धामी की हार के साथ उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों की हार का सिलसिला भी बरकरार रहा। पहले भुवन चंद्र खंडूरी, फिर हरीश रावत तो अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी विधानसभा सीट को नहीं बचा पाए हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में भाजपा नेता भुवन चंद्र खंडूरी कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह नेगी से 4,623 मतों से हार गए थे। इसी तरह 2017 में सीएम हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण से भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद से 12,278 मतों से चुनाव हार गए थे। वहीं अब सीएम पुष्कर सिंह धामी करीब 7000 वोटों से हार गए हैं।