देहरादून। आयुष्मान भारत और राज्य अटल आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड धारक मरीजों के इलाज के लिए बायोमेट्रिक और रेफरल व्यवस्था को फिर बहाल किया गया है। अब अस्पतालों में भर्ती होने वाले गोल्डन कार्ड धारक मरीज की बायोमेट्रिक की जाएगी। साथ ही निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पतालों से रेफर की व्यवस्था रहेगी।
गौरतलब है कि कोविड महामारी के दौरान राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को इलाज कराने में बायोमेट्रिक और रेफर करने की व्यवस्था में छूट दी थी। कोरोना संक्रमण थमने के बाद प्राधिकरण ने बायोमेट्रिक और रेफरल की व्यवस्था को फिर बहाल कर दिया है। अस्पतालों में गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को भर्ती करने से बायोमैट्रिक लगानी जरूरी होगी। इससे यह पता लग जाएगा कि जिस पात्र व्यक्ति का गोल्डन कार्ड बना है, उसी व्यक्ति का इलाज किया जा रहा है। योजना में यह भी व्यवस्था है कि गोल्डन कार्ड धारक मरीज को निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पताल से रेफर किया जाएगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि आयुष्मान योजना में पारदर्शिता के लिए बायोमेट्रिक और रेफरल की व्यवस्था है। कोविड महामारी के दौरान अस्पतालों में भीड़ को कम करने के लिए बायोमेट्रिक और रेफरल व्यवस्था में छूट दी गई थी। अब कोरोना संक्रमण थम गया है। जिससे दोनों व्यवस्था को फिर से बहाल कर दिया गया है। आयुष्मान योजना में पसंदीदा स्पेशियलिटी की सेवाएं देने के लिए निजी अस्पतालों की मनमर्जी नहीं चलेगी। प्रदेश के 240 अस्पताल योजना में सूचीबद्ध हैं। जिसमें 134 निजी अस्पताल शामिल हैं, लेकिन कई बड़े अस्पतालों ने योजना में एक या दो स्पेशियलिटी की सेवाओं के लिए सूचीबद्ध किया है। जबकि अस्पताल में अन्य कई स्पेशियलिटी संचालित हो रही है। अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से ऐसे अस्पतालों को योजना से बाहर किया जा रहा है। योजना में सूचीबद्ध होने वाले अस्पतालों को सभी उपलब्ध स्पेशियलिटी गोल्डन कार्ड धारक मरीजों को उपलब्ध करनी ही पड़ेगी।
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