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चारधाम यात्रा में 5000 से अधिक वाहन होंगे संचालित, लागू किया जाएगा वैकल्पिक ट्रैफिक प्लान

देहरादून। चारधाम यात्रा पर जाने वाले सभी व्यावसायिक वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीएस) जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा। परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने परिवहन कंपनियों के साथ बैठक में स्पष्ट किया कि यात्रियों के साथ ही वाहन की सुरक्षा के लिए भी यह बेहद जरूरी है।

इस बार चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए ही संयुक्त रोटेशन समिति का गठन किया गया है। ग्रीन कार्ड व ट्रिपकार्ड को ऑनलाइन करने के साथ-साथ ट्रिपकार्ड को संशोधित या निरस्त करने की भी सुविधा दी जा रही है। बैठक में विभिन्न बस, टैक्सी-मैक्सी, केएमओयू आदि यूनियनों के पदाधिकारियों ने चारधाम यात्रा को लेकर आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी दी।
बैठक के बाद मंत्री ने बताया कि इस साल सरकार चालकों, परिचालकों के कल्याण के लिए चालक कल्याण योजना भी बनाई जा रही है, जिसके तहत पहले चरण में 50 लाख रुपये राशि दी गई है। योजना के तहत चालकों-परिचालकों को प्रशिक्षण, चालकों के लिए धामों में और मार्ग पर विश्राम स्थलों की व्यवस्था, उनके लिए भोजन पानी आदि की व्यवस्था और यात्रा पर जाने से पूर्व उनके स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे मानसिक रूप से तैयार रहें। एक चक्कर पूरा करने के बाद चालकों को आराम देने का प्रावधान भी किया जा रहा है। वहीं मंत्री चंदन रामदास ने चारधाम यात्रा से पहले सभी सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त बनाने के साथ ही सड़क सुरक्षा इंतजाम पूरे करने के निर्देश दिए।

इस बार चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए संयुक्त रोटेशन समिति का गठन किया गया है। इस समिति के अंतर्गत 1584 बसें संचालित (1069 स्टेज कैरिज तथा 515 कान्ट्रैक्ट कैरिज), रोस्टर व्यवस्था से बाहर संचालित 3200 अतिरिक्त बसें (1300 बसें उत्तराखंड व 1900 बसें अन्य राज्य), यात्रा में परिवहन निगम की 100 बसें संचालित करने के साथ ही यात्री संख्या बढ़ने पर कुमाऊं मंडल से भी 100 बसों की व्यवस्था की जाए। दूसरी ओर, जाम लगने पर यातायात के वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल किया जाएगा।

वहीं वाहनों को चैकपोस्टों पर रुक कर इंतजार न करना पड़े, इसके लिए चैकपोस्टों पर इंटरनेट, टेबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिन्हें ग्रीन कार्ड सॉफ्टवेयर से जोड़ा जा रहा है। विभाग की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए ग्रीन कार्ड मोबाइल ऐप भी विकसित किया जा रहा है, ताकि कोई भी यात्री कभी भी कहीं से भी अपना ट्रिपकार्ड बनावा सके। मोबाइल एप जल्द ही लांच किया जाएगा।

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