श्रीनगर। यहां ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की कार्यदायी संस्था ऋत्विक इंटरप्राइजेज में कार्यरत एक कर्मी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इसके बाद कंपनी ने परिजनों को बिना सूचना दिए ही आनन फानन में अंत्येष्टि की तैयारी भी शुरू कर दी. लेकिन यह खबर मिलते ही परिजन श्मशान घाट पहुंचे और जमकर हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए बेस अस्पताल श्रीकोट भेज दिया है।
परिजनों का आरोप है कि उन्हें न तो वीर सिंह की मौत की सूचना दी गई न ही उसकी मौत की सही वजह बताई गई। ऐसे में बिना बताए ही कंपनी उसकी अंत्येष्टि की तैयारी कर रही थी। मूल रूप से धारचूला के रहने वाले हाल निवासी बी पुरम टिहरी गढ़वाल 48 वर्षीय वीर सिंह की शुक्रवार देर रात अचानक तबीयत खराब हो गई थी। जिसके बाद उसे बेस अस्पताल श्रीकोट में भर्ती किया गया। जहां आज शनिवार सुबह 3 बजे उसकी मौत हो गई।
वीर सिंह के साथ काम करने वाले और सीटू के सचिव मुकेश भट्ट ने बताया कि वीर सिंह रेलवे लाइन की टनल में काम करता था। टनल में काम करने के दौरान अधिकतर लोगों को वहां से निकलने वाली गैस से तकलीफ होती है। कर्मचारी उस गैस के कारण बीमार भी पड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि वीर सिंह को भी इसी गैस की वजह से दो तीन दिनों से तकलीफ हो रही थी। जिसके बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गयी और उसको अस्पताल लाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। वीर सिंह की पत्नी सरिता वर्मा का कहना है कि उनके पति ऋत्विक इंटरप्राइजेज में काम किया करते थे। आज शनिवार दोपहर में उन्हें बताया गया कि उनके पति की मौत हो गई है, लेकिन उनकी मौत कैसे हुई? इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई। पति की मौत के बाद वो और उनके बच्चे बेसहारा हो गये हैं। उन्होंने पुलिस से घटना की जांच और कंपनी की ओर से आर्थिक मदद की मांग उठाई है।
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