देहरादून। उत्तराखंड औषधि निर्माण में देश का प्रमुख हब बनने की दिशा में है। प्रदेश सरकार ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट के माध्यम से फार्मा सेक्टर को भी प्रोत्साहन दे रही है। नई औद्योगिक नीति के कारण मिले अनुकूल माहौल से राज्य में फार्मा सेक्टर में निवेश बढ़ा है।
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया, प्रदेश सरकार वैश्विक निवेशक सम्मेलन से फार्मा सेक्टर को भी प्रोत्साहन दे रही है। नई औद्योगिक नीति और अनुकूल माहौल से राज्य में फार्मा सेक्टर में निवेश के साथ कारोबार लगातार बढ़ रहा है। विभाग का प्रयास है कि इन कंपनियों में उच्च गुणवत्तापूर्ण दवाइयों का उत्पादन हो, साथ ही देश में कंपनियों की दवाओं का शेयर भी बढ़े ताकि प्रदेश को अधिक राजस्व और रोजगार मिल सकें। राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह ने बताया प्रदेश में मुख्य तौर पर हरिद्वार, सेलाकुई और पंत नगर में ड्रग्स निर्माता फार्मा कंपनियां हैं। प्रदेश में कुल 249 फार्मा कंपनियां हैं। देश में निर्मित होने वाली कुल दवाओं के उत्पादन में उत्तराखंड का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है।
निवेश और रोजगार की असीम संभावनाए…
राज्य औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह के मुताबिक उत्तराखंड के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2022 के दौरान फार्मा सेक्टर में लगभग 15 हजार करोड़ का कारोबार किया। अहम बात यह है कि इसमें से 1150 करोड़ रुपये की दवाएं निर्यात की गयी। प्रदेश में फार्मा सेक्टर से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर हजारों लोग जुड़े हैं। इस सेक्टर में निवेश और रोजगार की असीम संभावनाएं हैं।
दिसंबर माह में प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन से फार्मा सेक्टर में काफी उम्मीदें हैं। औषधि विभाग ने किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त और शिकायत के लिए टॉल फ्री नंबर 1800 180 4246 जारी किया है। औषधियों के निर्धारित मूल्य पर विक्रय के लिए यूकेपीएमआरयू सोसाइटी की स्थापना केंद्र सरकार के निर्देशों पर किया गया।