उत्तरकाशी। टिहरी जनपद की सीमा पर करीब 14500 फीट की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्रताल में फंसे एक ट्रेकिंग दल के चार और ट्रैकरों की मौत हो गई है। अब तक आठ ट्रैकरों की जान जा चुकी है। वहीं दस ट्रैकरों को एयरलिफ़्ट कर सुरक्षित निकाला जा चुका है।
मिलीं जानकारी के अनुसार 29 मई को एक 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। यहां चार ट्रैकर की ठंड लगने से मौत हो गई। 18 ट्रैकर वहां फंसे थे, इनमें से आज चार ट्रैकर की और मौत हो गई। जिलाधिकारी ने फंसे ट्रेकर्स और मृतकों के शवों को निकालने के लिए वायु सेना के माध्यम से हेली रेस्क्यू अभियान संचालित करने के लिये भी अनुरोध किया था। वायुसेना ने आज लापता ट्रेकर्स की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन के अनुरोध पर वायु सेना के दो चेतक हेलीकॉप्टर अभियान में लगाये गए हैं। इसके साथ जिलाधिकारी ने इस घटना के संबंध में राज्य के सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा सहित अन्य उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया है।
जिला अस्पताल उत्तरकाशी और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भटवाड़ी को अलर्ट पर रखा गया है। आईटीबीपी मातली से भी 14 रेस्क्यूअर्स और एक डॉक्टर को भेजा गया है। एनआईएम से भी बैक अप टीम रवाना की गई है। रेस्क्यू अभियान को लेकर जिले का आपदा कंट्रोल रूम मंगलवार शाम से ही निरंतर सक्रिय है।
बता दें कि वर्ष 2022 में हुए निम के द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन हादसे के बाद दूसरा बड़ा हादसा। उस हादसे में 28 पर्वतारोहियों की हिमस्खलन की चपेट में आने से मौत हुई थी। हादसे के बाद से एक व्यक्ति आज भी लापता है।