- जानकारी लीक करने का आरोप, अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दिया 2 दिन का समय दिया
वाराणसी। आज मंगलवार को यहां अदालत में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को तत्काल हटाने का आदेश दिया है। मुस्लिम पक्ष ने उन पर आपत्ति जताई थी। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर की जिम्मेदारी अहम होती है। जबकि विशाल सिंह कोर्ट कमिश्नर बने रहेंगे। उधर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए और वक्त देने की मांग की गई। इस पर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोर्ट ने 2 दिन का समय दिया है।
इसके अलावा दो और एप्लिकेशन कोर्ट में डाली गई हैं। इसमें कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी कराने और वजू खाने के आसपास सील करने की कार्रवाई के बाद की समस्याओं को दूर कराने की इजाजत देने की मांग की गई है। सुनवाई के समय कोर्ट में दोनों पक्ष के वकीलों के साथ ही तीनों एडवोकेट कमिश्नर और डीजीसी सिविल मौजूद थे। डीजीसी सिविल, एडवोकेट कमिश्नर और वादी पक्ष की महिलाओं के तीन अलग-अलग प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई है। आज मंगलवार को कोर्ट में जो तीन प्रार्थना पत्र दाखिल हुए, वो इस प्रकार हैं…
पहला प्रार्थना पत्र: सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए 2 दिन का समय दें। ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट आज सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश नहीं हो सकी। अभी तक रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। इसके पीछे की वजह 15 घंटे की वीडियोग्राफी और करीब 1500 फोटो बताई जा रही है। यह डाटा इतना ज्यादा है कि इसकी फाइल अभी नहीं बनाई जा सकी है। इसके लिए दो और दिन मांगे गए हैं। स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर और समय मांगा है। इसकी सुनवाई पूरी हो गई है और अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिये दो दिन का समय दे दिया है।
दूसरा प्रार्थना पत्र: सील होने के बाद की समस्या दूर की जाएं। ज्ञानवापी मामले में यूपी सरकार की ओर से वाराणसी कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। उन्होंने तीन मांगें की हैं।
ज्ञानवापी मस्जिद स्थित जिस 3 फीट गहरे मानव निर्मित तालाब को सीज किया गया है, उसके चारों तरफ पाइप लाइन और नल हैं। उस नल का उपयोग नमाजी वजू के लिए करते हैं। तालाब परिसर सील होने के कारण नमाजियों के वजू के लिए बाहर व्यवस्था की जाए। ज्ञानवापी के सील हुए क्षेत्र में शौचालय भी हैं, उनका उपयोग नमाजी करते हैं। अब उन्हें वहां नहीं जानें दिया जा रहा है, ऐसे में उनकी व्यवस्था की जाए। सील किए गए तालाब में कुछ मछलियां भी हैं। ऐसे में उन्हें खाने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। उन मछलियों को अब कहीं और पानी में छोड़ा जाए।
तीसरा प्रार्थनापत्र : कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी हो। हिंदू पक्ष की तरफ से एक बार फिर ज्ञानवापी में सर्वे की मांग की गई है। इसके लिए आज कोर्ट में नई अर्जी दी गई है। ज्ञानवापी परिसर की कुछ दीवारों को गिराकर सर्वे कराने की मांग की गई है। यह अर्जी रेखा पाठक, मंजू व्यास और सीता साहू की ओर से अदालत में दी गई है। इसके साथ ही मलबे की सफाई की भी मांग की गई है।
ज्ञानवापी सर्वे मामले में हिंदू सेना नाम के संगठन ने बीते सोमवार को एक अर्जी दाखिल की। उनकी मांग है कि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को जुर्माने के साथ खारिज की जाए। ये याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दाखिल की है।