देहरादून। चारधाम यात्रा 2024 को लेकर धामी सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार यात्रा मई माह में शुरू होगी। यात्रियों की सुविधा के लिए इस बार चारधाम यात्रा से पहले बदरीनाथ और केदारनाथ में अस्पताल शुरू हो जाऐंगे। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि इन अस्पतालों के लिए उपकरण खरीदने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा चारधाम यात्रा मार्ग पर अनुभवी और उच्च हिमालय में काम करने के लिए प्रशिक्षित मेडिकल टीम को तैनात किया जा रहा है ताकि तीर्थयात्रियों को तुरंत स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि विभाग चारधाम यात्रा की तैयारियों में जुट गया है। चारधाम यात्रा को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। मुख्य सचिव महोदया से महत्वपूर्ण निर्देश प्राप्त हुए थे। जिसके क्रम में चारधाम यात्रा को लेकर सभी तैयारियां तेजी से चल रही हैं। सभी विभागों से समन्वय किया जा रहा है। सभी एक टीम के रूप में कार्य करेंगे।
उन्होंने बताया कि इस बार चारधाम में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए लगभग 150 लोगों की मेडिकल टीम की तैनाती की जाएगी। इस टीम को हाई एल्टीट्यूड में काम करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। डाक्टरों की तैनाती 15-15 दिनों के लिए की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक इस बार विभाग रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी में तैनात डाक्टरों को चारधाम में तैनाती नहीं देगा। इसकी बजाए कुमाऊं और अन्य जिलों से डाक्टर और मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ के अस्पताल में उपकरण यात्रा से पहले उपलब्ध हो जाएंगे। इसके लिए शार्ट टेंडर जारी होंगे। डा. राजेश कुमार के मुताबिक चारधाम यात्रा के दौरान मार्ग पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य जांच का प्रबंध किया जा रहा है। इस बार शुरुआती चरण से तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग पर विशेष फोकस रखा जाएगा।
चारधाम यात्रा रूट पर हैल्थ पॉइंट पर मरीजों के स्वास्थ्य की गहनता से जांच होगी। उसके बाद उन्हें आगे जाने दिया जाएगा। उन्होंने यात्रियों से अपील की कि देवभूमि में आपका स्वागत है लेकिन यात्रा से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण जरूर करा लें। उनहोंने कहा कि दिल और ब्लड प्रेशर के मरीजों के साथ ही गर्भवती महिलाएं भी अपना स्वास्थ्य परीक्षण करा कर ही यात्रा करें।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया, चारधाम यात्रा में विदेशों के साथ ही देश के तमाम राज्यों से श्रद्धालु आते हैं, लेकिन कई बार देखने को मिलता है कि लोकल भाषा में स्वास्थ्य गाइडलाइन न होने के चलते श्रद्धालुओं को गाइडलाइन समझने में दिक्कतें होती है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पिछले साल एक बड़ी पहल करते हुए हिंदी-अंग्रेजी के अलावा नौ अन्य भाषाओं में एसओपी जारी की थी। इस बार भी कुल 11 भाषाओं में एसओपी जारी होगी। कहा, अन्य भाषाएं जिसमें बंगाली, गुजराती, तमिल, तेलगु, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, मराठी और उड़िया भाषा में भी एसओपी जारी की जाएगी।