देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में बढ़ती आग की घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिरूल एकत्रित करने की अपील की थी। अब पहाड़ों में ग्रामीण लोग पिरूल एकत्रित करते नजर आ रहे हैं।
‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन के तहत ग्रामीणों को जंगलों से पिरूल इकट्ठा कर के लाना होगा। जिसके उन्हें रूपए मिलेंगे। सीएम धामी ने बताया कि इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रूपए किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। बता दें कि इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड पृथक रूप से रखा जाएगा।
आपको बता दें कि प्रदेश में साल 2018 में पिरूल नीति लागू की जा चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में प्रोजेक्ट पिरूल शुरू किया गया था। इस योजना के तहत पिरूल से बिजली बनाई गई थी। बता दें कि इस राशि को तीन रुपए से बढ़ाकर पचास रुपये किया गया है। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ का कार्पस फंड अलग से रखा गया है।