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उत्तराखंड में भारी तबाही, तीन शव बरामद और 150 लोगों के बहने की आशंका!

  • ग्लेशियर फटने से धौली नदी में आई बाढ़, चमोली जिले के तपोवन-रैणी में बिजली परियोजना पूरी तरह तबाह

जोशीमठ। आज रविवार सुबह 10:45 बजे उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी में ग्लेशियर फटने की सूचना है। बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई है। ऋषि गंगा और तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं।
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।

इस प्राकृतिक आपदा से चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। वहीं, चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है। कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग मकान खाली करने में जुटे। वहीं हादसे में कई लोगों के लापता होने की खबर है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मौके पर पहुंच गये हैं और उन्होंने लोगों से पुराने वीडियो शेयर न करके और धैर्य बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने मदद के लिए एक मोबाइल नंबर जारी किया है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, ‘करीब 50-100 लोग लापता हैं। 2 शव बरामद किए गए हैं, कुछ घायलों को बचाया गया है। स्थिति नियंत्रण में हैं। तपोवन-रैणी में बिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई है।’ मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा, ‘हताहतों की संख्या 100 से 150 के बीच होने की आशंका है। आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। रेड अलर्ट जारी किया गया है।’

राज्य के आपदा मोचन बल की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने पीटीआई को बताया कि ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार संभवत: इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘ऊर्जा परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि परियोजना स्थल पर मौजूद रहे 150 कामगारों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है। उनके लापता होने की आशंका है।’
मिली जानकारी के अनुसार रैणी गांव में लगभग सुबह 10:45 बजे एक आपदा की सूचना मिली। इसने चमोली में दो बांध स्थलों को प्रभावित किया है। स्थिति का जायजा लेने और आपातकालीन उपाय करने के लिए तत्काल निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही, राज्य की आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को सक्रिय किया गया।
कांग्रस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘चमोली में ग्लेशियर फटने से बाढ़ त्रासदी बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएं उत्तराखंड की जनता के साथ हैं। राज्य सरकार सभी पीड़ितों को तुरंत सहायता दें। कांग्रेस साथी भी राहत कार्य में हाथ बटाएं।’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘यह एक ऐसी त्रासदी है जो बेहद चौंकाने वाली है। यह एक प्राकृतिक आपदा है। गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि उत्तराखंड सरकार की हर मदद की जाएगी। इससे कोई संकोच नहीं किया जाएगा।’ आईटीबीपी के जवान तपोवन और रैणी गांव के उस इलाके में नुकसान का आकलन कर रहे हैं जहां आज बाढ़ आई है।
उधर भारतीय सेना ने कहा, ‘सेना ने बाढ़ से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार और एनडीआरएफ का साथ देने के लिए हेलिकॉप्टरों और सैनिकों को तैनात किया है। ऋषिकेश के निकट सैन्य स्टेशन सक्रिय रूप से स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव और राहत कार्यों के समन्वय में शामिल है। सेना मुख्यालय स्थिति की निगरानी कर रहा है।’
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने कहा, ‘200 से अधिक जवान स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। स्थिति का आकलन करने के लिए एक टीम मौके पर मौजूद है। लोगों को जागरूक करने और बाहर निकालने के लिए जोशीमठ के पास एक और टीम तैनात की गई है। स्थिति नियंत्रण में है।’
भारतीय वायुसेना के अधिकारी ने कहा, ‘बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों में मदद के लिए देहरादून और आस-पास के क्षेत्रों में वायुसेना के दो एमआई-17 और एक एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर सहित तीन हेलिकॉप्टर को तैनात किया गया है। जमीन पर आवश्यकता के अनुसार अधिक विमान तैनात किए जाएंगे।’
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, असम में रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य शीर्ष अधिकारियों से बात की। उन्होंने बचाव और राहत कार्यों का जायजा लिया। अधिकारी प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं।
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने कहा, ‘ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी प्रभावित हुई है और बाढ़ के कारण बीआरओ द्वारा बनाया जा रहा पुल बह गया है। ऋषिगंगा परियोजना की अपर रीच भी क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे चमोली, जोशीमठ और अन्य बहाव क्षेत्र प्रभावित होंगे। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें पहले से ही जोशीमठ में तैनात हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) पहले ही देहरादून से जोशीमठ स्थानांतरित हो चुका है। हम दिल्ली से देहरादून के बाद जोशीमठ तक 3-4 और टीमों को एयरलिफ्ट करने की आयोजन बना रहे हैं।’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के महानिदेशकों से बात की है। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गई हैं। देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी। एनडीआरएफ की कुछ और टीमें दिल्ली से एयरलिफ्ट करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। हम वहां की स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहे हैं।’ चमोली जिले में आई बाढ़ के चलते 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका है। यह जानकारी उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने दी।

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