देहरादून। देश की अठारहवीं लोकसभा (लोस) के गठन के लिए होने वाले आम चुनाव के प्रथम चरण में 19 अप्रैल को उत्तराखंड में मतदान होगा। वर्ष 2019 में हुए सत्रहवीं लोस के आम चुनाव के समय कुल मतदाताओं से 6.68 प्रतिशत अधिक अर्थात, कुल 83 लाख, 21 हजार, 207 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। उत्तराखंड में इस बार लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में ऐसे युवा मतदाता हैं जो पहली बार वोटिंग करेंगे और गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। बीजेपी और कांग्रेस की निगाहें ऐसे 145202 वोटों पर हैं, जिनकी उनकी उम्र 18 से 21 साल के बीच है। ये सभी पहली बार लोकसभा के लिए वोट डालने जायेंगे।
उत्तराखंड में पांच लोक सभा सीट हैं, अल्मोड़ा, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी और हरिद्वार। इन लोकसभा क्षेत्रों में कुल 8321207 मतदाता हैं, जिनमें 4308904 पुरुष 4012006 महिला मतदाता हैं , राज्य में 297 ट्रांसजेंडर मतदाता भी हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक उत्तराखंड में 79965 दिव्यांग वोटर हैं। 85 साल से ऊपर 65177 मतदाता हैं, जिनके लिए घरों से वोट लिए जाने का प्रावधान भी रखा गया है। चुनाव खर्च की सीमा 95 लाख रखी गई है। उत्तराखंड में 11729 पोलिंग बूथ पर 19 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा।
मतदान नामांकन की प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू हो जाएगी जोकि 27 मार्च तक चलेगी, 30 को नामांकन वापसी का अंतिम दिन रहेगा। पहले चरण में चुनाव होने की वजह से उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी हलचल है। यहां के विधायकों पर अपने अपने क्षेत्रों में अपनी पार्टी के सांसद प्रत्याशी को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी से कांग्रेस और बीजेपी हाकमान ने बांधा है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच चुनावी संघर्ष होना है, मैदानी क्षेत्रों में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी जैसे दल भी हार-जीत के समीकरणों पर प्रभाव डालते रहे हैं।