नई दिल्ली। भारत आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार लाल किले पर ध्वजारोहण किया। स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी हर साल अपने परिधान और पगड़ी को लेकर चर्चा में रहते हैं। उनके साफा बांधने का अंदाज भी सबसे ज्यादा आकर्षक होता है। वह अपने पहले कार्यकाल (2014) से लेकर तीसरे कार्यकाल (2024) तक हर साल अलग पगड़ी में नजर आए हैं। वहीं, पीएम मोदी सर्जिकल स्ट्राइक, प्राकृतिक आपदा, और गवर्नेस मॉडल तक कई विषयों पर बोले।
समय की मांग है कि देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘समान नागरिक संहिता को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने बार-बार चर्चा की है। कई बार आदेश दिए हैं। देश का एक बड़ा वर्ग मानता है और यह सच है, कि जिस नागरिक संहिता के साथ हम रह रहे हैं, वह वास्तव में एक तरह से सांप्रदायिक नागरिक संहिता है। मैं कहूंगा कि समय की मांग है कि देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो। तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो सकेंगे।’
बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उससे जुड़ी चिंता को समझ सकता हूं…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘एक पड़ोसी देश के तौर पर मैं बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उससे जुड़ी चिंता को समझ सकता हूं। मुझे उम्मीद है कि वहां स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाएगी। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता वहां के हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश समृद्धि और शांति के मार्ग पर चले। हम शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं। आने वाले दिनों में हम बांग्लादेश की ‘विकास यात्रा’ के लिए शुभकामनाएं देते रहेंगे क्योंकि हम मानवता के कल्याण के बारे में सोचते हैं।’
मणिपुर पर क्या बोले पीएम मोदी…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में मणिपुर हिसा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर और मणिपुर, देश के अन्य हिस्सों में हिंसा का दौर चला। कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। पीएम ने कहा कि बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ हुआ। देश मणिपुर के साथ है। अब शांति की खबरें आ रही है। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर समस्या का समाधान खोजने के लिए काम कर रही हैं। घटना मणिपुर में होती है तो देश को भी दुख होता है। हम एक हैं। हम सब मिलकर काम करेंगे।
परिवारवाद को लेकर पीएम का हमला…
उन्होंने परिवारवाद को लेकर कहा कि इसने देश को जिस तरह से जकड़ रखा है, लोगों का हक छीना है। इनका मूल मंत्र है- ऑफ द फैमिली, बाई द फैमिली और फॉर द फैमिली। उन्होंने कहा कि तीसरी बुराई तुष्टिकरण है जिसने देश के मूलभूत चिंतन को नुकसान पहुंचाया है। हमें इन बुराइयों के खिलाफ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।
सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से युवाओं का सीना गर्व से भर जाता है…
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम कोरोना काल को कैसे भूल सकते हैं? हमारे देश ने दुनिया भर में सबसे तेजी से करोड़ों लोगों को वैक्सीन लगाई। यह वही देश है जहां आतंकवादी आकर हम पर हमले करते थे। जब देश की सेनाएं सर्जिकल स्ट्राइक करती हैं, जब वह एयर स्ट्राइक करती हैं, तो देश के युवाओं का सीना गर्व से भर जाता है। इसलिए आज देश के 140 करोड़ नागरिक गौरवान्वित हैं।’
हम 2047 तक ‘विकसित भारत’ बन सकते हैं…
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से कहा, ‘हमें गर्व है कि हम उन 40 करोड़ लोगों का खून अपने साथ लेकर चलते हैं, जिन्होंने भारत से औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंका। आज, हम 140 करोड़ लोग हैं, अगर हम संकल्प लें और एक दिशा में एक साथ आगे बढ़ें, तो हम रास्ते की सभी बाधाओं को पार करते हुए 2047 तक ‘विकसित भारत’ बन सकते हैं।’
मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटें बनाई जाएंगी…
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की, ‘अगले पांच वर्षों में भारत के मेडिकल कॉलेजों में 75,000 नई सीटें बनाई जाएंगी। विकसित भारत 2047 ‘स्वस्थ भारत’ भी होना चाहिए और इसके लिए हमने राष्ट्रीय पोषण मिशन शुरू किया है।’
हम 2036 ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी कर रहे हैं…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज हमारे साथ वो युवा भी हैं जिन्होंने ओलंपिक में भारत का झंडा बुलंद किया. 140 करोड़ देशवासियों की ओर से मैं अपने सभी खिलाड़ियों और खिलाड़ियों को बधाई देता हूं। अगले कुछ दिनों में भारत का एक बहुत बड़ा दल पैरालिंपिक में भाग लेने के लिए पेरिस के लिए रवाना होगा। मैं अपने सभी पैरालिंपियन को शुभकामनाएं देता हूं। भारत ने बड़े पैमाने पर जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन करके यह साबित कर दिया है कि भारत में बड़े पैमाने के आयोजन करने की क्षमता है। 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना भारत का सपना है, हम उसके लिए तैयारी कर रहे हैं।’
पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंताएं बढ़ी हैं…
लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। प्राकृतिक आपदा में अनेक लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है, अपनी संपत्ति खोई है। देश को भी नुकसान उठाना पड़ा है। आज मैं उन सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि संकट की इस घड़ी में देश उनके साथ खड़ा है।’