पंजाब विधानसभा के स्पेशल सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को दोपहर बाद सदन में जबरदस्त हंगामा हो गया। हंगामा इतना बढ़ा कि हाथापाई की नौबत आ गई। सीएम चन्नी ने बिक्रम सिंह मजीठिया से कहा कि आपका रोम-रोम गंदगी से जुड़ा है। आप नशे के कारोबार से जुड़े रहे हो। इस पर अकाली दल के सदस्य भड़क गए और मुख्यमंत्री की चेयर के सामने पहुंच गए।
हंगामे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी। वहीं कांग्रेस के सदस्यों ने सीएम चन्नी के आगे ढाल बना दी और बहस शुरू कर दी। सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी मुख्यमंत्री की चेयर के सामने अकाली और कांग्रेसी सदस्यों के बीच बहस जारी रही। सीएम अपनी चेयर पर बैठे रहे और चारों तरफ से कांग्रेस के विधायकों ने एक घेरा बना लिया।
मंत्री ओपी सोनी मजीठिया को समझाते दिखाई दिए वहीं राजा वड़िंग, परगट सिंह, सुखजिंदर रंधावा, कुलजीत नागरा और अन्य सदस्य अकालियों से उलझे। राजा वड़िंग और मजीठिया के बीच काफी बहस हुई। अन्य कांग्रेसी भी अकालियों से लगातार विवाद करते रहे। मंत्री तृप्त बाजवा ने कांग्रेसी विधायकों को समझा-बुझाकर सीटों पर बिठाया। इसके बाद अकाली सदस्यों ने वेल में नारेबाजी शुरू कर दी। 3.18 बजे 15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्रवाई दोबारा शुरू होते ही 10 मिनट के लिए फिर स्थगित कर दी गई। सभी सदस्य अभी सदन में मौजूद हैं। अकाली दल के सदस्य वेल में खड़े हैं। वहीं कांग्रेस के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के आसपास घेरा बना रखा है। आम आदमी पार्टी के सदस्य भी सदन में मौजूद हैं। स्पीकर ने कार्रवाई शुरू करते हुए सदस्यों से अपील की कि जब तक काम काज चल रहा है, सदन का समय बढ़ा दिया जाए। इस पर अकाली सदस्यों ने कहा कि अगर यही कुछ चलना है तो समय बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
इसके बाद तृप्त बाजवा ने स्पीकर से आग्रह किया कि सदस्यों को जिस शब्द पर आपत्ति है उसे कार्रवाई से हटाते हुए सदन का समय बढ़ा दिया जाए। इस पर कांग्रेस के कई सदस्यों ने एतराज जताया जिसे देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित करते हुए बातचीत के लिए अकाली सदस्यों को अपने चेंबर में बुला लिया है। कार्यवाही शुरू होते ही अकाली दल के विधायक टीनू ने सीएम से माफी मांगने की मांग की। इस पर कांग्रेस के कुलबीर सिंह टीनू को धमकाते हुए वेल में पहुंच गए।
सदन में फिर से हंगामा हो गया है। अकाली विधायक वेल में नारेबाजी कर रहे हैं। शोर-शराबे के बीच ही स्पीकर ने कृषि कानूनों संबंधी प्रस्ताव भी सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इसके बाद अकाली दल के सभी सदस्य नेम किए गए और सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए फिर स्थगित कर दी गई। नेम किए जाने के बाद अकाली सदस्यों ने सदन में घुसने की कोशिश की। नाकाम रहने पर अकालियों ने गेट के सामने धरना शुरू कर दिया।
सिद्धू ने कहा- डरा हुआ है विपक्ष
कार्यवाही स्थगित होने के बाद बाहर निकले पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू ने कहा कि पंजाब विधानसभा में आज का हंगामा जानबूझकर किया गया क्योंकि विपक्ष डरा हुआ है। चन्नी सरकार और पंजाब कांग्रेस जनता के लिए काम कर रही है। जो भी घोषणा की गई है, वह केवल 2-3 महीने के लिए नहीं है बल्कि अगले 5 साल के लिए एक विजन है।