देहरादून। नई शिक्षा नीति के तहत अब प्रदेश के सभी काॅलेजों में सेमेस्टर प्रणाली लागू की जाएगी। पहले की तरह वार्षिक प्रणाली बंद कर दी जाएगी। बड़े काॅलेजों को और अधिक स्वायत्ता दी जाएगी। नई शिक्षा नीति के अध्ययन के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति को उत्तराखंड में लागू करने का रोडमैप तैयार करने के लिए त्रिवेंद्र सरकार ने गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी प्रो. एमएसएम रावत की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी। कमेटी के अध्यक्ष प्रो. रावत के मुताबिक सबसे पहले सभी काॅलेजों में समान क्रेडिट आधारित सेमेस्टर प्रणाली की जरूरत है। सेमेस्टर अंकों के आधार पर ही पहले साल के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा और तीसरे साल में डिग्री दी जायेगी। उत्तराखंड के कुछ काॅलेज सेमेस्टर सिस्टम अपना चुके हैं, जबकि कुछ काॅलेज वार्षिक प्रणाली पर ही अटके हुए हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2035 तक सभी काॅलेजों को स्वायत्ता प्रदान करने की पैरवी की है। लेकिन उत्तराखंड के काॅलेज अभी संसाधनों के लिहाज से काफी पिछड़े हुए हैं। कमेटी ने काॅलेजों को स्वायत्ता प्रदान करने से पहले सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा है। उत्तराखंड में अभी उच्च शिक्षा आयोग भी गठित किया जाना है।
प्रो. रावत ने बताया कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। इस पर आगे और विचार-विमर्श किया जाना है। राज्य को 2023-24 से नई नीति को लागू करना है। इसके लिए अभी से बुनियादी सुविधाएं जुटानी होंगी।
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