- झील खाली करने को आईटीबीपी और एसडीआरएफ के जवानों के साथ ग्रामीण भी मोर्चे पर उतरेंगे
देहरादून। चमोली जिले में आई आपदा के बाद बनी झील के आसपास गतिविधियों पर नजर रखने के लिए क्यूडीए (क्विक डिप्लोयबेल एंटीना) स्थापित कर दिया गया है। इस सिस्टम को देहरादून स्थित सचिवालय के कंट्रोल रूम से जोड़ दिया गया है। अब वहां पर मौजूद एसडीआरएफ के जवानों और अधिकारियों से भी लागातर वीडियो संवाद किया जा रहा है। एसडीआरएफ मुख्यालय ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी झील की लाइव तस्वीरें मिलने लगी है। इससे झील की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। इस प्रणाली में सेटेलाइट के माध्यम से लाइव वीडियो ऑडियो प्राप्त किए जाते हैं। झील को खाली कराने के लिए आईटीबीपी और एसडीआरएफ के जवानों के साथ अब स्थानीय ग्रामीण भी मोर्चे पर उतरेंगे। सरकार की कोशिश झील को पूरी तरह से खाली करने की है। लेकिन दिक्कत वाली बात यह है कि झील से पानी के रिसाव बढ़ाने के लिए उसके चैनल से मलबा हटाने का कार्य सुबह के समय केवल दो घंटे ही चलाया जा सकता है। तापमान बढ़ने पर मलबे में पांव धंसने से रिसाव बढ़ाने का कार्य उतनी तेजी से नहीं हो पा रहा है। सोमवार को केंद्रीय गृह सचिव ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से झील के बारे में अब तक की प्रगति की जानकारी ली।
बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने झील के बारे में अब तक की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि झील से कोई खतरे वाली बात नहीं है। उससे लगातार पानी बह रहा है। झील में जमा जितने पानी की मात्रा का अनुमान कर रहे थे, वह उससे कम है। गृह सचिव ने एजेंसियों को झील पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए। डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि झील के मुहाने को और अधिक खोलने और झील का प्रेशर खत्म कर सामान्य स्थिति बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस टीम से सीधे संवाद के लिए वहां पर क्यूडीए स्थापित कर दिया गया है। सोमवार को इसके माध्यम से लाइव वीडियो प्रसारण भी शुरू हो गया। डीआईजी ने बताया कि क्यूडीए के जरिये सचिवालय कंट्रोल रूम के माध्यम से जलभराव क्षेत्र में स्थित सभी जवानों और वैज्ञानिकों से स्पष्ट संवाद स्थपित हो गया है। सोमवार को सेनानायक एसडीआरएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने जवानों से झील के मुहाने को ओर अधिक खोलने और झील का प्रेशर खत्म कर सामान्य स्थिति बनाने के निर्देश टीम को दिए।
झील के प्रेशर को कम करने के लिए उसके मुहाने को लगभग छह फिट खोला गया था। सोमवार को फिर से टीम ने झील के मुहाने को 20 फिट से चैड़ा कर लगभग 30 से 35 फिट तक तक खोल दिया है। इससे झील का पानी काफी मात्रा में डिस्चार्ज हो रहा है। इससे झील की दीवारों पर पानी का दवाब भी लगातार कम हो रहा है।