डोडा। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बुधवार को मुठभेड़ के दौरान मुठभेड़ में उत्तराखंड के देहरादून निवासी 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक सिंह शहीद हो गए, वहीं इस मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए।
जानकारी के मुताबिक, डोडा के अस्सार इलाके में भारतीय सेना ने फिर सर्च अभियान चलाया। इसी दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। मुठभेड़ में तलाशी दल का नेतृत्व करते समय सेना के कैप्टन दीपक घायल हो गए। जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। कैप्टन दीपक 48 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। कैप्टन दीपक सिंह का परिवार देहरादून के रेसकोर्स इलाके में रहता है। वे 13 जून 2020 को भारतीय सेना में कमीशन हुए थे। कैप्टन दीपक शानदार हॉकी खिलाड़ी भी थे। डोडा में शहीद कैप्टन दीपक सिंह को फील्ड मेजर का दर्जा मिला था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेना ने आतंकी के पास से M4 राइफल बरामद की है। वहीं, सेना को इलाके में खून के धब्बे मिले, और तीन बैग भी जब्त किए गए। सेना के मुताबिक, आतंकवादी अस्सर के नदी किनारे के इलाके में छिपे हुए हैं।
स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर
स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू में 3000 से अधिक सेना के जवान और BSF के 2000 जवान तैनात किए गए हैं। वहीं आतंकवाद से निपटने के लिए असम राइफल्स के करीब 1500-2000 जवान भी तैनात किए जा रहे हैं।
30 दिन में यह डोडा में दूसरा हमला
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में यह 30 दिन में दूसरा हमला है। इससे पहले 15 जुलाई की रात 9 बजे डेसा फॉरेस्ट एरिया में आतंकियों के साथ आर्मी की मुठभेड़ हुई थी। इस एनकाउंटर में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए थे। एक पुलिसकर्मी की भी मौत हुई है। इस एनकाउंटर की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश ने ली थी