थराली से हरेंद्र बिष्ट।
विश्व मिट्टी दिवस के मौके पर चमोली जिले के कृषि विज्ञान केंद्र ग्वालदम में आयोजित हुए कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से आए किसानों को मृदा परीक्षण की जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिकों ने मृदा के महत्व की जानकारी देते हुए बताया कि अच्छे उत्पादन के लिए किसानों को भूमि की उर्वकता की जानकारी होनी जरूरी हैं। किस मिट्टी में कौन-कौन सी फसलों को उगाया जा सकता है और उससे कितना उत्पादन लिया जा सकता हैं। अगर इसकी सही-सही जानकारी किसानों को होगी तो निश्चित ही बेहतरीन पैदावार खेतों से ली जा सकती हैं।
केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. गिरीश जोशी ने कहा कि किसानों की आजीविका दुगना होने का सपना तभी साकार हो सकता हैं, जबकि किसानों को मिट्टी की सही जानकारी होगी। केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. अनिल पंवार ने किसानों को उर्वरता बढ़ाने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए उसमें पोषक तत्व डाले जाने चाहिए। किस तरह के पोषक तत्व मिलाये जाए उसे पूर्व जांच की जानी चाहिए।
उन्होंने किसानों को बताया कि ग्वालदम कृषि विज्ञान केंद्र में आकर वे अपनेगांवों के खेतों की मिट्टी की जांच करवा सकते हैं। जांच यहां पर निशुल्क की जाएगी। इस मौके पर दौरान जोशीमठ, कर्णप्रयाग, थराली, देवाल, नारायणबगड़ आदि विकास खंडों के किसानों ने अपने-अपने गांवों क्षेत्रों के मिट्टी के संबंध में चर्चा की।
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