नई दिल्ली-देश के कुछ राज्यों में प्रवासी पक्षियों, जंगली एवं देशी कौवों और पोल्ट्री में एवियन इन्फ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू वायरस के प्रकोप के मद्देनजर नई दिल्ली के कृषि भवन में पशुपालन एवं डेयरी विभाग, कमरा नंबर 190 ए (011-23382354) में नियंत्रण कक्ष स्थापित करते हुए बर्ड फ्लू रोकने की तैयारी, नियंत्रण एवं रोकथाम पर कार्य योजना, प्रकोप के प्रबंधन, रोग नियंत्रण और रोकथाम के संबंध में राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक सुविधा/सुझाव प्रदान करना है। भारत ने सबसे पहले 2006 में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) का संक्रमण दर्ज हुआ था। भारत में बर्ड फ्लू बीमारी मुख्य रूप से प्रवासी पक्षियों द्वारा सर्दियों के महीनों यानी सितंबर- अक्टूबर से फरववरी- मार्च के दौरान फैलती है। भारत में मनुष्यों में बर्ड फ्लू संक्रमण के मामले अब तक सामने नहीं आए हैं। फिलहाल अभी तक कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिले हैं कि दूषित पोल्ट्री उत्पादों को खाने से मनुष्यों में बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का संक्रमण फैलता है। बर्ड फ्लू वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए जैव सुरक्षा सिद्धांतों, व्यक्तिगत स्वच्छता, साफ-सफाई और कीटाणुशोधन प्रोटोकॉल के साथ-साथ खाना पकाने एवं प्रसंस्करण मानक जैसे उपायों को सख्ती से लागू करके रोका जा सकता है।

केरल के एपिसेंटरों में कुल 17,326 पक्षियों (9,066 पल्लीपड में, 8,260 करुवट्टेन में) को मारा जा चुका है। कोट्टायम जिले में एपिसेंटर में 4,229 पक्षियों को मार दिया गया है। इसके अलावा, राजस्थान में जयपुर के काले हनुमानजी फॉरेस्ट नाका से कौवों के कुछ नमूनों में एच5एन8 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण पाए गए हैं। इसके अनुसार राज्यों को पोल्ट्री तक इस बीमारी के प्रसार को रोके जाने की सलाह दी गयी है। बुधवार को हरियाणा में 7,111 घरेलू पक्षियों, मध्य प्रदेश में 150 जंगली पक्षियों, गुजरात में 10 कौवों और हिमाचल प्रदेश में 336 प्रवासी पक्षियों में असामान्य मृत्यु पाई गई। हरियाणा से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले 25 दिनों में बरवाला, पंचकूला में कुल 4,30,267 पक्षियों की मौत हुई है। जांच के लिए इनके नमूनों को निर्धारित प्रयोगशाला में भेजा गया है जिनके परिणाम आना अभी बाकी है। हरियाणा ने इस बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए 59 आरआरटी का गठन किया है।