- हरिद्वार दुष्कर्म-हत्या केस : डीएनए रिपोर्ट में हुई दरिंदगी की पुष्टि
देहरादून। हरिद्वार में नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के मामले में मुख्य आरोपी रामतीरथ की दरिंदगी की पुष्टि फॉरेंसिक जांच में भी हुई है। डीएनए सैंपलिंग में पुष्टि हुई है कि दुष्कर्म रामतीरथ ने ही किया था। जबकि दूसरे आरोपी (रामतीरथ का मामा) का डीएनए मिलान नहीं हुआ है।
गौरतलब है कि बीते 20 दिसंबर की शाम हरिद्वार में 11 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया था। घर से पतंग लेने निकली बच्ची लापता हो गई थी। खोज हुई तो कुछ देर बाद उसका शव बरामद हुआ। पुलिस ने मामले की जांच की और उसी रात को रामतीरथ नाम के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पता चला कि बच्ची के साथ दुष्कर्म भी हुआ था। बच्ची और मुख्य आरोपी के कपड़ों पर भी खून के धब्बे मिले थे। बच्ची के हाथ बांधकर दुष्कर्म किया गया था। वहीं इसके बाद बच्ची को कपड़ों की रैक में डमी बनाकर बैठा दिया गया था। बच्ची ने रस्सी से बंधे होने के बावजूद स्वयं को छुड़ाने के लिए काफी देर तक संघर्ष किया था।
इस मामले में रामतीरथ के मामा राजीव का भी नाम सामने आया था, लेकिन वह भाग निकला। कुछ दिन बाद वह भी पकड़ा गया। इस मामले में पुलिस ने रामतीरथ और राजीव के डीएनए सैंपल को बच्ची के रक्त व अन्य से मिलान कराने के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) भेजे थे। एफएसएल ने पुलिस को यह रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें रामतीरथ के अंत:वस्त्रों पर मिला खून पीड़िता का ही पाया गया है।डीएनए प्रोफाइलिंग में राजीव का डीएनए मैच नहीं हुआ है। हत्या में उसका हाथ है या नहीं, इस बारे में पुलिस गहनता से जांच कर रही है।
डीआईजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में राजीव मौका-ए-वारदात की तरफ छह बजे के आसपास आ रहा है। जबकि राम तीरथ पौने छह बजे के आसपास वहां से निकलता दिख रहा है। डीएनए प्रोफाइलिंग में मुख्य आरोपी का डीएनए मैच हुआ है। जबकि दूसरे आरोपी का डीएनए मैच नहीं हुआ है। पुलिस इसमें गहनता से जांच कर रही है।