देहरादून। प्रदेश में मौसम का मिजाज तल्ख है। भारी बारिश से प्रदेश के कई संपर्क मार्ग लगातार बाधित हो रहे हैं और नदी-नाले उफान पर बह रहे हैं। उत्तराखंड में धूप और बादलों की आंख-मिचौनी के बीच तीव्र बौछार का क्रम जारी है। हालांकि, कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी वर्षा भी दर्ज की जा रही है, लेकिन बीते तीन दिनों से प्रदेश में वर्षा सामान्य से कम हो रही है।
प्रदेश में मौसम विभाग ने रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून , पौड़ी, पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत एवं उधम सिंह नगर जनपदों में कहीं-कहीं गरज और चमक के साथ भारी बारिश का अंदेशा जताया है। भारी बारिश को देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
मौसम विभाग ने चमोली व बागेश्वर जनपदों में भी कहीं-कहीं आकाशीय बिजली चमकने और भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं बात राजधानी देहरादून की करें तो यहां आसमान में आंशिक रूप से बादल छाये रहेंगे, साथ ही गरज के साथ बारिश की बौछारें पड़ सकती हैं। जहां एक ओर प्रदेश में बारिश होने से लोगों को गर्मी से निजात मिली है, वहीं दूसरी ओर बारिश ने लोगों की मुश्किलों को भी बढ़ा दिया है।
वहीं बीते दिनों केदारघाटी में भारी बारिश से आई त्रासदी के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि के बाद उपजे हालातों के बीच शासन, प्रशासन के रेस्क्यू अभियान में 11775 यात्री व स्थानीय लोगों को धाम सहित पैदल मार्ग से सुरक्षित निकाल दिया गया है। अब, धाम में 50 श्रद्धालुओं सहित 2300 लोग हैं, जिसमें 400 मंगलवार को पैदल मार्ग से वापस लौट आएंगे। इन लोगों का एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के जवानों के साथ ही हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया जाएगा।