प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को 500 तथा 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था। देश की पूरी करेंसी में इन दोनों नोटों का हिस्सा 86 फीसदी था। पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार, कालेधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने की बात कहकर ऐसा किया था। जिसके बाद पूरे देश में नोटों को लेकर उथल-पुथल मच गई थी। कई लोगों को नोटबंदी की वजह से अपनी जानें भी गवानी पड़ी थी।
इस मामले में अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने नोटबंदी को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ‘भयावह योजना’ करार दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि नोटबंदी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था भारी कठिनाई झेल रहा है और नकदी की कमी के कारण भारतीयों के जीवन में परेशानियां बढ़ रही हैं। न्यूयार्क टाइम्स ने सोमवार को अपने संपादकीय लेख में कहा कि भारत में 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण की भयावह योजना बनाई गई और उसे अंजाम दिया गया और इस बात के शायद ही सबूत हैं कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगी।
Tags मोदीजी की नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गर्त में धकेल दिया- अमेरिकी अखबार
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