गोपेश्वर से महिपाल गुसाईं।
उच्च हिमालयी एवं बुग्याली क्षेत्रों के जीव जंतुओं, जड़ी-बूटियों एवं वनस्पतियों का अध्ययन करने के लिए केदारनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के प्रभागीय वनाधिकारी के नेतृत्व में 6 सदस्यीय एक अध्ययन दल यहां से 8 दिवसीय भ्रमण पर मदमहेश्वर-पांडवसेरा- उर्गम ट्रैक के लिए रवाना हो गया है।
दरअसल चमोली जिले के उच्च हिमालई क्षेत्रों एवं बिग्यालों में विचरण करने वाले जीव जंतुओं के साथ ही तमाम तरह की जड़ी बूटियां व वनस्पतियां एक अध्ययन का विषय बने रहते हैं। समय-समय पर इनके लिए तमाम जीव विज्ञानी एवं वनस्पति विज्ञानी इनके अध्ययन के लिए उच्च हिमालई क्षेत्रों एवं बुग्यालीय क्षेत्रों में जाते-आते रहते हैं। इसी के तहत शीत ऋतु शुरू होने से पहले इस बार केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर के प्रभागीय वनाधिकारी अमित कंवर के नेतृत्व में 6 सदस्यीय एक दल केदारनाथ-बदरीनाथ के मध्य से गुजरने वाले मदमेश्वर- पांडेवसेरा-उर्गम ट्रैक की यात्रा पर गुरुवार को रवाना हो गया है।
रूट पर रवाना होने से पहले डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि पहले दिन दल गोपेश्वर से 92 किमी की यात्रा वाहनों से तय कर रांसी पहुंचेगा। इसके बाद 26 सितंबर को रांसी से 18 किमी की दूरी तय कर मदमहेश्वर पहुंचेगा,27 को दल मदमहेश्वर से 12 किमी पैदल चलकर पांडवसेरा,28 को पांडवसेरा से 10 किमी नंदीकुंड-घीविनायक होते हुए वर्मा बुग्याल रात्रि प्रवास पर पहुचेगा,29 को दल वर्मा बुग्याल से 10 किमी मनपाई,30 सितंबर को मनपाई से 10किमी चल कर वंशीनारायण पहुचेगा,1 अक्टूबर को वंशीनारायण से 10किमी चल कर दल उर्गम गांव पहुंचेगा अगले दिन 2 अक्टूबर को दल उर्गम से गोपेश्वर जिला मुख्यालय वापस पहुंचेगा।
इस दौरान 71 किमी उच्च हिमालई एवं बुग्यालों क्षेत्र के भ्रमण के दौरान दल अध्ययन करेगा। दल का विशेष रूप से बुग्याली क्षेत्रों के वन्य जीवों पर फोकस रहेगा। इसके साथ ही कोरोना महामारी के चलते बुग्याली क्षेत्रों में आम लोगों का आवागमन लगभग बन्द रहने से जड़ी-बूटियों एवं वनस्पतियों पर पड़े प्रभावों को जानने का भी प्रयास करेगा। इस दल में डीएफओ कंवर के अलावा रूद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ वन रेंज के वन क्षेत्राधिकारी ललित मोहन नेगी, गोपेश्वर वन रेंज के वन दरोगा रमेश भंडारी, ऊखीमठ के वन आरक्षी महेंद्र नेगी, विनोद रावत एवं गोपेश्वर के सुरेंद्र सिंह शामिल हैं।
