देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों के चलते बर्खास्त हुए कर्मचारी विधानसभा के बाहर पांच दिवसीय धरने पर बैठ गए। इस दौरान कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विधानसभा में 2016 से 22 तक की तदर्थ नियुक्तियों के बाद बर्खास्त होने वाले 228 कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की मांग है कि राज्य गठन के बाद से लेकर लगातार एक ही प्रक्रिया के तहत तदर्थ नियुक्तियां की जा रही हैं और साथ ही साथ उन्हें नियमित भी किया जा रहा है।
दरअसल, हाल ही में विधानसभा बैकडोर भर्तियों को लेकर 228 पदों को निरस्त कर दिया गया था। जिसके बाद नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों ने आज धरना देते हुए प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान कर्मचारियों ने उनके साथ भेदभाव और एकतरफा कार्रवाई को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज की। कर्मचारियों की मांग है कि राज्य गठन के बाद से लेकर लगातार एक ही प्रक्रिया के तहत तदर्थ नियुक्तियां की जा रही हैं और साथ ही साथ उन्हें नियमित भी किया जा रहा है। लेकिन वर्ष 2016 के बाद हुई तदर्थ नियुक्तियों पर विधानसभा अध्यक्ष का कार्रवाई करना कहीं ना कहीं पक्षपात दिखाता है। विधानसभा से बर्खास्त हुए इन कर्मचारियों का कहना है कि 2016 से पूर्व हुई तदर्थ नियुक्तियों को लेकर भी उसी तरह से फैसला होना चाहिए जिस तरह से उनके साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2016 से पहले हुई नियुक्तियों में कई नेताओं द्वारा लगाए गए लोगों को बचाया जा रहा है और यह अधूरा न्याय है।