देहरादून। आज शुक्रवार को उत्तराखंड के नॉन वोवेन कैरी बैग इंडस्ट्री के व्यापारियों द्वारा अपनी समस्याओं को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के समक्ष रखा।
व्यापारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री को बताया कि जो कैर्री बैग नॉन वोवेन मैटीरियल से बनते हैं, एक तो वह सिंगल यूज में नही आते और कई बार इस बैग को कस्टमर द्वारा यूज किया जा सकता है, धोया जा सकता है। यह बेग फटने के बाद भी दुबारा रिसाइकिल किया जा सकता है और यदि इसे कुड़े में भी फेंक भी दिया जाता है तो भी यह कैरी बैग 6 महीने में मिट्टी में ही मिल हो जाता है और इससे पर्यावरण को कोई नुकसान भी नहीं होता।
कारोबारियों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा भी इस कैरी बैग को जो 60 जीएसएम तक होगा, उसे बैन नहीं किया गया है। आसपास के राज्यों उत्तर प्रदेश ओर हिमाचल प्रदेश में भी इसे बैन नहीं किया गया है। सभी व्यापारियों ने उत्तरखंड राज्य में इसे बैन किए जाने पर खेद जताया। उन्होंने बताया कि इस उद्योग से लगभग 400 से 500 कारोबारियों के साथ सीधे सीधे कई लाख परिवार और छोटे व्यापारी जुड़े हुए है। इस बैग पर बैन लगाये जाने से उननके रोजगार प्रभावित होंगे।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस संदर्भ में जल्द ही वह राज्य सरकार को पत्र भेजेंगे। इस अवसर पर दून वैली महानगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मेसोन के साथ निशिता मित्तल (रामनगर), पुनीत शाह (हल्दवानी), राजकुमार पाहवा, प्रतीक गर्ग, राहुल सक्सेना, तरुण जैन, विश्वास कपूर, वैभव गुप्ता, आशीष गुप्ता (देहरादून), हिमांशु पंत (पिथौरागढ़), गौतम चैहान (चमोली) अरविंद शर्मा, विपिन प्रसाद, सूरज सिंह (सेलाकुई) रोबिन मुयाल, सागर (रुद्रपुर) आदि उपस्थित थे।
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