देहरादून। उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को सेवाएं देने में लापरवाही बरतने पर उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उत्तराखंड में हाई वोल्टेज की वजह से अगर इलेक्ट्राॅनिक उपकरण फुंकते हैं तो यूपीसीएल को दस गुना अधिक मुआवजा देना होगा। यही नहीं शहरी क्षेत्रों में चार घंटे से ज्यादा बिजली नहीं आने पर भी यूपीसीएल को उपभोक्ताओं को मुआवजा देना होगा। इसके अलावा यूपीसीएल को उपभोक्ताओं की शिकायतों के निस्तारण को लेकर एक प्रक्रिया भी तैयार करनी होगी ताकि इन शिकायतों के निवारण में तेजी आ सके।
उत्तराखंड में आम उपभोक्ताओं को बिजली के कनेक्शन अब 15 दिन के भीतर अनिवार्य रूप से देने होंगे। यदि कनेक्शन तय समय पर नहीं दिया गया तो यूपीसीएल (UPCL) को उसके बाद उपभोक्ता को प्रतिदिन के हिसाब से पांच रुपये मुआवजा देगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (UERC) के कार्यकारी अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य एमके जैन की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी गई।
आयोग के नए नियमों के अनुसार फ्यूज उड़ने पर राज्य के शहरी क्षेत्रों में चार घंटे, ग्रामीण क्षेत्रों में आठ घंटे और ऐसे पर्वतीय क्षेत्र जो सड़क से नहीं जुड़े हैं वहां 12 घंटे के भीतर बिजली आपूर्ति सुचारु करनी होगी। यदि ऐसा नहीं हो पाता तो एक उपभोक्ता के मामले में 20 रुपये प्रति घंटा और पूरे क्षेत्र के मामले में 10 रुपये प्रति उपभोक्ता प्रति घंटा मुआवजा दिया जाएगा। इसी प्रकार बिजली लाइन के टूटने पर भी उसे जोड़कर बिजली आपूर्ति सुचारु करने की समयसीमा तय कर दी गई है।
वहीं उपभोक्ताओं की सेवाओं को लेकर अलग-अलग हर्जाने का प्रावधान है। इसमें बिजली आपूर्ति की बहाली समय पर ना होने की स्थिति में ₹20 प्रति घंटे के हिसाब से मुआवजा देना होगा। यह प्रावधान दुर्गम क्षेत्रों के लिए होगा। वहीं शहरी क्षेत्रों में इसे ₹10 हर्जाने के रूप में रखा गया है।
घरेलू उपकरणों के खराब होने की स्थिति में ₹1000 तक का जुर्माना दिया जाएगा। उधर महंगे टीवी, वाशिंग मशीन और दूसरे महंगे उपकरणों के लिए यह ₹3000 रखा गया है। हर्जाने की अधिकतम राशि ₹5000 तक रखी गई है। जबकि पहले यह राशि ₹500 थी। उपभोक्ताओं की बिजली बिल से जुड़ी शिकायतों पर समय से कार्रवाई नहीं होने पर 10% बिल के अनुसार उपभोक्ताओं को देना होगा। इसी तरह समय पर कनेक्शन न देने पर ₹500 तक प्रतिदिन हर्जाना देने का प्रावधान किया गया है।