देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों आसमान से बारिश मुसीबत बनकर बरस रही है। राज्य में भारी बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण आए भूस्खलन और बाढ़ ने कथित तौर पर पिछले कुछ दिनों में 54 लोगों की जान ले ली।
मंगलवार रात और बुधवार सुबह बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले में हुआ है। मंगलवार रात को टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले में हुई बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है। बारिश के बाद आए सैलाब में कई सड़कें बह गई। कई गांवों का संपर्क जिला और तहसील मुख्यालय से कट गया है। ऐसे हालत में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग राहत के कार्यों में लगा हुआ है।
बता दें कि मंगलवार 20 अगस्त देर रात को बारिश टिहरी जिले के कई गांवों पर कहर बनकर बरसी। बताया जा रहा है कि टिहरी जिले के धुत्तू और देवलिंग से लगे कई गांव में बादल फट गया था। बादल फटने से गांवों में पानी का सैलाब आ गया था, जिसकी चपेट में कई घर आए। लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर भागकर अपनी जान बचाई।
इसके अलावा नैनीताल जिले में एक और घटना घटी थी। कोटाबाग में 29 साल का युवक उफनती नदी में बह गया था। जिसका शव एसडीआरएफ को काफी दिनों बाद मिला। वहीं देहरादून में दो लोग नदी में बह गए थे, जिन्हें मौके पर मौजूद लोगों ने बचाने का प्रयास किया। इस दौरान एक व्यक्ति को तो बचा लिया गया, लेकिन दूसरा पानी के तेज बहाव में बह गया। जिसकी तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है।
सरकारी आंकड़ों को मुताबिक इस साल मॉनसून सीजन में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें से 6 लोगों की मौत बीते दिनों केदार घाटी में आई आपदा में हुई थी। भारी बारिश के कारण मोटर मार्गों पर लैंडस्लाइड हो रहा है, जिस कारण हाईवे जगह-जगह बाघित हो रहा है। केदारनाथ नेशनल हाईवे 107 भी रुद्रप्रयाग जिले में कई जगहों पर अवरुद्ध है। इसके अलावा नैनीताल जिले में एक राज्य मार्ग और 13 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है।
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार आज 22 अगस्त को राज्य के देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। शेष जिलों में भी आंशिक बादलों के साथ बारिश की संभावना है।