बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के साथ गठबंधन करने के बाद अब भाजपा के अगुआई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) अब दक्षिण भारत में अपनी पैठ बनाने की ओर है। भाजपा का अगला पड़ाव अब तमिलनाडु है।
यहां बीते साल 2016 दिसंबर में जे. जयललिता का निधन हो गया था। जयललिता के निधन के कुछ दिन बाद ही एआईएडीएमके के दो हिस्से हो गए थे। एक गुट पूर्व सीएम ओ पन्नीरसेल्वम का है और दूसरा राज्य के सीएम ईके पलनीसामी का। इसका पूरा फायदा भाजपा उठाना चाहती है।
इस मामले पर तमिलनाडु में भाजपा अध्यक्ष तमिलीसाई साउंड अराराजन ने कहा कि पार्टी ने राज्य की 120 निर्वाचन क्षेत्रों को चुना है जहां पर पार्टी ने अपनी अलग पहचान बनाई है। इसके साथ ही पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं का चयन भी किया गया है।
भाजपा चाहती है तमिलनाडु में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में कम से कम 120 सीटें जीत ले, ताकि राज्य में उसकी पैठ बन सके।
राज्य के दो कद्दावर नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री रहे एम करुणानिधि के बीमारी के चलते राजनीति से रिटायरमेंट लेने पर और जयललिता के निधन के बाद से ऐसा कोई नेता नहीं है जिसकी पूरे राज्य में जनता के बीच अच्छी पकड़ हो। ऐसे में भाजपा का प्लान है कि वो ज्यादा से ज्यादा सीटें जीते।
2016 के विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक नई रणनीति तैयार की है।
विस्तारक कार्यक्रम का कर रही है आयोजन
पार्टी राज्य में लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए विस्तारक कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें फिलहाल 10 हजार पार्टी कार्य़कर्ता पार्टी की मेंबरशिप बढ़ा रहे हैं। 5 हजार अन्य कार्यकर्ता बदलाव लाने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं।