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Railway Budget 2025: उत्तराखंड को ₹4641 करोड़ की सौगात, इन 11 स्टेशनों की बदलेगी सूरत

देहरादून। उत्तराखंड में रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए केद्रीय बजट में 4641 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल को आवंटित बजट से कहीं अधिक है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस बार रेल बजट में 2 लाख 52 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। अकेले उत्तराखंड के लिए ही 4641 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड में रेलवे के द्वारा कई ऐसे कार्य किये जा रहे हैं जो धरातल पर दिखाई देंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 11 रेलवे स्टेशन अमृत स्टेशन के तहत संवारे जा रहे हैं। इनमें देहरादून का हर्रावाला रेलवे स्टेशन और कुमाऊं के कई स्टेशन शामिल हैं।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग का 49 फीसदी काम पूरा

वैष्णव ने चारधाम के लिए केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस 125 किलोमीटर की परियोजना का 49 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। इसकी कुल लागत 24,659 करोड़ है। उन्होंने बताया, प्रदेश में 27.5 किलोमीटर की देवबंद-रुड़की रेल लाइन का 96 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है, जिसकी कुल लागत 1,053 करोड़ रुपये है। 63 किलोमीटर की किच्छा-खटीमा रेल लाइन परियोजना 228 करोड़ की लागत से बनेगी।

11 स्टेशनों को बनाया जा रहा अमृत स्टेशन

रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि 2014 से 2025 तक 69 किमी के नए रेल ट्रैक बिछे हैं। इस अवधि में 303 किमी की रेल लाइनों को इलेक्ट्रिफाइड किया गया है। 2009-14 के बीच ये आंकड़ा शून्य था। आज प्रदेश की हर रेलवे लाइन बिजलीयुक्त है। फिलहाल, राज्य में 216 किमी की तीन रेल परियोजनाओं (रेलवे ट्रैक) का काम चल रहा है, जिनकी लागत 25,941 करोड़ रुपये है। देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लाल कुआं जंक्शन, रामनगर, रुड़की और टनकपुर सहित 11 स्टेशनों को 147 करोड़ की लागत से अमृत स्टेशनों के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उत्तराखंड में भी रेलवे को मिलेगा कवच

रेलवे में सुरक्षा के दृष्टिगत कवच प्रणाली पर तेजी से काम हो रहा है। 15,000 किमी रेलवे ट्रैक को कवच से कवर किया जाना है। 12,000 लोगों को कवच का प्रशिक्षण दिया गया है। देश में 10,000 कोच पर एक साथ कवच का अभियान चल रहा है। उत्तराखंड में 49 किलोमीटर रूट के लिए कवच प्रणाली की संस्तुति है। यात्रियों के लिए स्टेशनों पर छह लिफ्ट, 14 एस्केलेटर्स (स्वचालित सीढ़ी) का निर्माण किया गया है। 31 स्टेशनों पर वाईफाई की सुविधा यात्रियों के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा राज्य में दो वंदे भारत ट्रेनें सफलतापूर्वक सेवाएं दे रही हैं।

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