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सीमा विवाद : नेक नहीं चीन के इरादे!

खतरे की घंटी

  • पैंगोंग सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग इलाके से सेना पीछे हटाने के लिए तैयार नहीं चीन
  • इसके साथ ही एलएसी पर 5जी टेक्नोलॉजी के लिए फाइबर ऑप्टिकल केबल बिछा रहा चीन
  • पैंगोंग सो झील के पास भी अपने सैनिकों के लिए बना रहा पक्की और आधुनिक सुविधायुक्त बैरक

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर गतिरोध जारी है। इसी बीच चीन ने भारत सरकार को ठेंगा दिखाते हुए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एनएसी) के आसपास 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना शुरू कर दिया है। यहीं नहीं चीनी सेना ने पैंगॉन्ग सो झील के पास सैनिकों के लिए आधुनिक सुविधायुक्त बैरकों के अलावा अन्य निर्माण करने में भी लगा हुआ है।
खुफिया सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि चीन द्वारा अगस्त के पहले हफ्ते में एलएसी के विवादित इलाके डेमचोक में 5जी के लिए निर्माण किया जा रहा है। एजेंसी ने पाया कि चीन एलएसी पर फाइबर ऑप्टिकल केबल बिछा रहा है। एजेंसी ने अलर्ट किया है कि सीमा से पीछे हटने के दावे के बीच चीन पैंगॉन्ग सो झील के आसपास नए निर्माण कार्यों को तेजी से अंजाम दे रहा है। यहां नए शेड के निर्माण किए गए हैं। ऐसा तब किया गया, जब दोनों देश सीमा से अपनी सेना को पीछे बुलाने के लिए एक-दूसरे के लगातार संपर्क में हैं।
गलवान झड़प (15 जून) के बाद भारत-चीन के बीच डिप्लोमैटिक और मिलिट्री लेवल की 5 बातचीत हो चुकी हैं। सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच मई में शुरू हुआ तनाव 4 महीने से जारी है। शुरुआत में गलवान वैली और पेट्रोलिंग पॉइंट (पीपी)- 15 से चीन ने सेना पीछे बुलाने का फैसला किया था, जबकि पैंगॉन्ग सो और गोगरा- हॉट स्प्रिंग (जिसे पीपी- 17ए कहा जाता है) को लेकर चीन अभी भी अड़ा हुआ है। चीन पैगॉन्ग सो में फिंगर-5 से फिंगर-8 के बीच खुद को मजबूत करने की लगातार कोशिश कर रहा है।
पीएलए ने मई की शुरुआत में फिंगर-4 से फिंगर-8 के बीच किलेबंदी करना शुरू कर दिया था। इसके बाद से चीन सीमा पर मई से पहले वाली स्थिति बहाल करने में आनाकानी कर रहा है। गलवान वैली में भारत-चीन के बीच 15 जून को हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी करीब 35 सैनिक मारे गए थे, लेकिन उसने कभी माना नहीं। गलवान की झड़प के बाद एनएसए अजीत डोभाल से बातचीत में चीन इस बात पर राजी हुआ कि विवादित इलाकों से पीछे हट जाएगा। पहले फेज का डिसएंगेजमेंट पूरा भी हो गया, लेकिन कई इलाकों में चीन फिर से अड़ियल रवैया अपना रहा है।

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