टला नहीं खतरा
- लद्दाख से अरुणाचल तक सीमा पर मिसाइलों का ‘किला’ बना रहा चीन
- मिसाइलों के लिए मानसरोवर झील के पास साइट का निर्माण कर रहा ड्रैगन
पेइचिंग। चीन ने लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक सतह से हवा में मार करने में सक्षम मिसाइलों को तैनात कर रहा है। खबरों में यह भी कहा जा रहा कि चीन भारत से लगी सीमा पर एस-400 मिसाइल सिस्टम को भी तैनात किया है।
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस detresfa ने इस तस्वीर को जारी करते हुए बताया कि भारत के हवाई हमले के खतरे को देखते हुए चीन भारत से लगी सीमा के हर कोने में अपनी मिसाइलों को तैनात कर रहा है। वह अपनी पुरानी मिसाइलों और प्रणाली को अपग्रेड करने में जुट गया है। चीन ने लद्दाख से सटे अपने रुटोग काउंटी, नागरी कुंशा एयरपोर्ट, उत्तराखंड सीमा पर मानसरोवर झील, सिक्किम से सटे शिगेज एयरपोर्ट और गोरग्गर हवाई ठिकाने, अरुणाचल प्रदेश से सटे मैनलिंग और लहूंजे में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात की हैं। इन ठिकानों पर चार से पांच मिसाइल लॉन्चर तैनात हैं। उनकी मदद के लिए रेडॉर और जेनेटर भी दिखाई दे रहे हैं।
लद्दाख में भारतीय जमीन पर कब्जा करने की फिराक में लगा चीनी ड्रैगन समूचे उत्तर भारत से सटे अपने इलाकों में हवाई किलेबंदी को अत्याधुनिक बनाने में जुट गया है। सैटलाइट से मिली तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि चीन लद्दाख लेकर अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे अपने इलाके में सात हवाई ठिकानों पर बड़े पैमाने पर मिसाइलें तैनात कर रहा है। मीडिया में आई खबरों में यह भी जा रहा है कि चीन ने रूस से मिले अपने एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी यहां पर तैनात कर दिया है। चीनी मिसाइलें भारत से होने वाले किसी हवाई हमले के खतरे को देखते हुए पूरे अलर्ट मोड में है।
गौरतलब है कि भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर एक ओर चीन शांति स्थापित करने का दावा करता है, वहीं दूसरी ओर वह लगातार सेना और अत्याधुनिक हथियारों की तैनाती को बढ़ा रहा है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लिपुलेख में चीन ने मिसाइल तैनात करने के लिए साइट का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इस दावे को अब सामने आईं सैटेलाइट तस्वीरों से बल भी मिल रहा है। लिपुलेख वही इलाका है जिसे लेकर भारत और नेपाल के बीच विवाद गर्माया है।
detresfa ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। जिनमें दिख रहा है कि लिपुलेख पास में ट्राई- जंक्शन एरिया में चीन ने न सिर्फ सैन्य तैनाती की है बल्कि मिसाइल के ठिकानों के निर्माणकार्य की तैयारी भी कर रहा है। detresfa के मुताबिक इस इलाके में 100 किमी की स्कैनिंग से चीनी सेना की ऐक्टिविटी का पता चला है। यहां सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के लिए साइट का निर्माण मानसरोवर झील के पास किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीनी सेना यहां मई 2020 से इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिहायश के लिए तैयारी कर रही है। लिपुलेख इलाका भारत, नेपाल और चीन की सीमाओं को मिलाने वाली जगह है जो पिछले दिनों से काफी चर्चा में है। पिछले दिनों जानकारी के मुताबिक, चीन ने लिपुलेख में अपनी सेना तैनात की है। उसने सैनिकों की एक बटालियन मतलब करीब 1 हजार से ज्यादा जवान लिपुलेख के पास तैनात कर दिए हैं।