नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ है। हर रोज 15 हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं और मौत के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने सभी वयस्कों को एहतियाती खुराक (Precaution dose) देने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार ने सभी पात्र वयस्कों 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के नि:शुल्क एहतियाती खुराक प्रदान करने के लिए 75 दिनों के ‘कोविड टीकाकरण अमृत महोत्सव’ सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) पर आज (15 जुलाई, 2022) से लागू किया है। विशेष कोविड टीकाकरण अभियान आजादी का अमृत महोत्सव का एक हिस्सा है और इसे एक मिशन मोड में कार्यान्वित किया जा रहा है।
कोरोना से बचने के लिए जहां सरकार लोगों से टीका लगवाने की अपील कर रही है वहीं अब कुछ लापरवाही भी सामने आई है। दरअसल, बूस्टर डोज को लेकर चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। अभी तक 18-59 वर्ष की लक्षित 77 करोड़ आबादी में मात्र एक प्रतिशत से भी कम लोगों ने बूस्टर डोज लगवाई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस बात को रेखांकित किया कि 18 वर्ष और उससे अधिक (8 फीसदी) व 60 वर्ष और उससे अधिक (27 फीसदी) के लोगों के बीच एहतियाती खुराक की कम हिस्सेदारी चिंता का कारण है। भारत सरकार ने 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए सभी सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों पर नि:शुल्क एहतियाती खुराक प्रदान करने के लिए एक विशेष अभियान ‘कोविड टीकाकरण अमृत महोत्सव’ शुरू करने की घोषणा की है। यह 15 जुलाई से 30 सितंबर, 2022 तक 75 दिनों के लिए होगा। एहतियाती खुराक के लिए पात्र लोगों में 18 वर्ष या इससे अधिक के सभी व्यक्ति शामिल हैं, जिन्होंने दूसरी खुराक लगाने की तारीख के बाद 6 महीने (या 26 सप्ताह) का समय पूरा कर लिया है।
बता दें कि 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों के टीकाकरण को भी स्कूल आधारित अभियानों के जरिए पूरा किया जाएगा। टीकाकरण में तेजी को लेकर केंद्र सरकार ने एक जून से दूसरी बार ‘हर घर दस्तक 2.0’ डोर-टू-डोर अभियान शुरू किया था।