कृषि कानून के विरोध में राजधानि की सीमाओं पर महीनो से चल रहे प्रदर्शन ने दिल्ली के साथ हरयाणा , राजस्थान, पंजाब व् उत्तरप्रदेश के उद्यमियों व् आम लोगो को परेशान कर रखा है। पिछले दस माह से हरयाणा व् दिल्ली को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉडर को बंधित कर आम लोगों के साथ ही औद्योगिक को आर्थिक क्षेत्रों को आर्थिक रूप से गहरी चोट देने वाला यह प्रदर्शन अब असहनीय हो चूका है।
लोग बरोजगार हो रहे है ,औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन घाट रहा है। 26 नवंबर 2020 से चल रहे प्रदर्शन के कारन अब तक दिल्ली की सीमाओं के आस -पास औद्योगिक क्षेत्रों को 50 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान पहुँचा चूका है। सिंघु , टिकरी , गाज़ीपुर बॉर्डर के आस -पास औद्योगिक इकाइयों में से करीब 15 फीसद बंद हो चुकी है।
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कच्चा माल समय से नहीं पहुंच पाने के कारण फैक्ट्रियों का उत्पादन प्रभावित हुआ है। दिल्ली की नारायणा , मायापुरी सहित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों की हालत भी इनसे जुदा नहीं है। यहाँ भी उतपादन घटने साथ ही कारोबार पर गहरा आघात हुआ है। फैक्ट्रियों में उत्पादन काम होने के चलते कामगारों की संख्या भी सिमित कर दी गयी है।