कानपुर। खून से लिखी गई जुर्म की इबारत पर पुलिस ने लगभग ‘फाइनल’ रिपोर्ट लगा ही दी है। इसी के साथ कानपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले पांच लाख रुपये के इनामी गैंगस्टर विकास दुबे की कहानी आज शुक्रवार को मुठभेड़ के साथ आखिरकार खत्म हो गई।
पुलिस के अनुसार उज्जैन से कानपुर लेकर आते समय यूपी एसटीएफ टीम का एक वाहन पलट गया था। उसी समय मची आपाधापी का फायदा उठाकर विकास दुबे ने भागने की कोशिश की और पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया।पुलिस के मुताबिक कानपुर एनकाउंटर के बाद पुलिस की बिकरू गांव के जंगलों में विकास दुबे के गैंग से मुठभेड़ हो गई। इसमें पुलिस ने विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और साथी अतुल दुबे को मार गिराया था। मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। मामले को लेकर कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया था कि मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों के पास से पुलिस से लूटी गई पिस्टल बरामद हुई है। जिससे यह साफ होता है कि बदमाश कानपुर एनकाउंटर के दौरान मौके पर मौजूद थे।
यूपी के हमीरपुर में यूपी एसटीएफ और हमीरपुर पुलिस ने मुठभेड़ में विकास दुबे का राइड हैंड कहे जाने वाले और सबसे खास आदमी अमर दुबे को मार गिराया था। मुठभेड़ में मौदहा इंस्पेक्टर मनोज शुक्ल और एसटीएफ के सिपाही घायल हो गए थे। अमर को विकास के शूटरों में सबसे भरोसेमंद माना जाता था। वो राइफल लेकर हमेशा विकास के साथ रहता था। मुठभेड़ में मारे जाने से मात्र 10 दिन पहले ही अमर दुबे की शादी हुई थी।
पुलिस की कहानी के अनुसार टीम जब फरीदाबाद से गिरफ्तार विकास दुबे के खास आदमी प्रभात मिश्रा को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी तभी बीच रास्ते में उसने पुलिस से पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इस दौरान उसने पुलिस पर गोली चलाई। पुलिस ने भी उसपर गोली चलाई जिससे वो घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के अनुसार विकास दुबे के एक और करीबी प्रवीण उर्फ बउवा को पुलिस ने नौ जुलाई को इटावा मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार बिकरू गांव निवासी प्रवीण उर्फ बउवा ने महेवा के पास हाईवे पर स्विफ्ट डिजायर कार को लूटा था। उसके साथ तीन और बदमाश थे। पुलिस को जैसी ही लूट की सूचना मिली चारों को सिविल लाइन थाने के काचुरा रोड पर घेर लिया गया। इसके बाद पुलिस और बउवा के बीच फायरिंग शुरू हो गई। फायरिंग के दौरान बउवा ढेर हो गया। हालांकि उसके तीन साथी भागने में सफल रहे।