देहरादून। कांग्रेस हो या बीजेपी सभी राजनीतिक पार्टियां उत्तराखंड में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिशों में जुटी हुई हैं। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में से गढ़वाल लोकसभा सीट की अपनी अलग पहचान है। गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र उतराखंड के पांच लोकसभा क्षेत्रों में से एक है। आजादी के बाद जब देश में पहली बार लोकसभा के चुनाव हुए तो उस वक्त गढ़वाल लोकसभा भी अस्तित्व में आ चुका था। इस सीट पर साल 1952 से 1977 तक लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा। गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 14 विधानसभा सीटें आती हैं। ये 14 सीटें पांच जिलों चमोली, गढ़वाल, नैनीताल, रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल में फैली हुई हैं।
बता दें कि 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इस लोकसभा क्षेत्र के 14 में से 13 सीटों पर जीत का परचम लहराया था जबकि मात्र बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा हुआ था। इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में पौड़ी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 13 लाख 66 हजार 983 है, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 6 लाख 98 हजार 25, महिला मतदाताओं की संख्या 6 लाख 68 हजार 942 और ट्रांस जेंडर के कुल 16 मतदाता शामिल हैं।
गौर हों कि इस सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के तीरथ सिंह रावत को जीत मिली थी, लेकिन इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काटकर अनिल बलूनी को मैदान में उतारा है। ऐसे में इस बार इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो 2019 में इस सीट सीट पर बीजेपी के तीरथ सिंह रावत ने 5 लाख 6 हजार 980 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं कांग्रेस के मनीष खंडूरी 2 लाख 04 हजार 311 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे।
वहीं बता करें 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी के भुवन चंद्र खंडूरी ने 4 लाख 5 हजार 690 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं कांग्रेस के हरक सिंह रावत 2 लाख 21 हजार 164 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि बहुजन समाज पार्टी के धीर सिंह महज को 9 हजार 250 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
वहीं अब आगामी लोकसभा चुनाव में पौड़ी गढ़वाल सीट की लड़ाई पर सबकी नजरें होंगी। यहां के मतदाताओं में करीब 45% ठाकुर हैं। ब्राह्मण वोटर्स की संख्या 30% और दलित करीब 18% है। बीजेपी ने गढ़वाल सीट से जीत की हैट्रिक लगाने के लिए इस बार अनिल बलूनी को उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं कांग्रेस ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को प्रत्याशी बनाया है। पौड़ी गढ़वाल सीट की खास बात यह है कि ठाकुरों के दबदबे के बावजूद यहां से ब्राह्मण चेहरे जीतते रहे हैं। 1991 के बाद से गढ़वाल सीट से सात बार ब्राह्मण उम्मीदवार जीता है। भौगोलिक लिहाज से यह प्रदेश की सबसे बड़ी सीट है। उत्तराखंड की बाकी लोकसभा सीटों की तरह पौड़ी गढ़वाल में भी 19 अप्रैल को मतदान होगा