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मोबाइल के लिए माँ ने डांटा तो बेटी ने उठाया ये खौफनाक कदम, जानकर रह जाएंगे हैरान

गुजरात। बच्चे मोबाइल चलाने की लत से ग्रसित हो रहे हैं। कई बच्चों को तो काउंसलिंग की जरूरत पड़ रही है। कम उम्र से ही मोबाइल में गेम खेलने, वीडियो देखने से बच्चे धीरे-धीरे कब इसके आदी हो जाते हैं पता ही नहीं चल पाता और जब पता चलता है तो सख्ती बरतते हैं, जिससे नाराज होकर बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं। सूरत से खौफनाक खबर सामने आई है।

क्या है पूरा मामला…

पांडेसरा की अवीरभाव सोसायटी में रहने वाली निषाद (14), जो कक्षा आठवीं की छात्रा थी, का अधिकतर समय मोबाइल चलाने में बीतता था। मां के बार-बार मना करने और डांट-फटकार के बावजूद वह अपनी लत को नियंत्रित नहीं कर पा रही थी। घटना वाले दिन, जब मां ने उसे मोबाइल पर समय बर्बाद करने के लिए फटकार लगाई, तो बच्ची को यह बात इतनी बुरी लगी कि उसने घर में अकेले रहते हुए फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मां जब बाजार से लौटी तो यह मंजर देखकर सदमे में आ गई। पुलिस को सूचना दी गई और बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

मोबाइल की लत के खतरनाक प्रभाव…

विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चे आजकल मोबाइल, वीडियो गेम और सोशल मीडिया के आदी हो रहे हैं। कम उम्र से स्क्रीन पर समय बिताने की यह आदत मानसिक और शारीरिक विकास को नुकसान पहुंचा रही है। डांट-फटकार की जगह बच्चों को समझदारी और स्नेह से गाइड करना चाहिए।

बच्चों को मोबाइल से कैसे दूर रखें…

स्क्रीन टाइम तय करें:- बच्चों के लिए मोबाइल, टीवी और अन्य गैजेट्स का समय सीमित करें।
एक्टिविटीज में व्यस्त करें:- बच्चों को आउटडोर गेम्स और उनकी पसंदीदा गतिविधियों के लिए प्रेरित करें।
पैरेंट्स की भूमिका:- माता-पिता को खुद भी मोबाइल से दूरी बनाकर बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए।
काउंसलिंग:- अगर समस्या गंभीर हो, तो तुरंत किसी काउंसलर की मदद लें।

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