देहरादून। 2016 की हरीश रावत सरकार और स्टिंग ऑपरेशन के मसले पर 8 साल बाद फिर राजनीति गर्म होने लगी है। 2016 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका एक स्टिंग करने का दावा न्यूज चैनल के संपादक उमेश कुमार ने किया था। इसके बाद उत्तराखंड राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था। किसी मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए इस तरह का स्टिंग पहली बार हुआ था, जिसमें वो अपनी सरकार बचाने के लिए कोशिश करते दिखाई दे रहे थे। इसी दौरान एक और स्टिंग सामने आया था, उसमें तत्कालीन विधायक मदन सिंह बिष्ट के होने का दावा किया गया।
इसमें हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के भी शामिल होने का दावा किया गया था। दोनों ही स्टिंग के बारे में उमेश कुमार ने दावा किया था कि हरीश रावत सरकार को बचाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात की जा रही थी। इसमें रुपयों के लेन-देन होने की बात का दावा भी स्टिंग प्रसारण के दौरान किया गया था। बाद में इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी। स्टिंग में जो आवाजें हैं उनके मिलान के लिए इन चारों ही नेताओं के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने अदालत से मांगी है। सीबीआई अदालत से इस मामले में जारी नोटिस के बाद से उत्तराखंड में राजनीति फिर से करवट ले रही है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि 2016 में जो स्टिंग हरीश रावत का मुख्यमंत्री रहते हुआ था। उस स्टिंग के बारे में उन्हें तब पता चला जब उमेश शर्मा के द्वारा प्रेस वार्ता की गई थी। जिसमें साकेत बहुगुणा भी मौजूद थे। उन्हें हरीश रावत के स्टिंग की कोई जानकारी नहीं थी।
वहीं मदन बिष्ट का जो स्टिंग हुआ था वो उनके आवास पर ही दिल्ली में हुआ था। लेकिन उस स्टिंग के बारे में भी उन्हें तब पता चला जब स्टिंग हो चुका था और वो कार्ड उन्होंने अपने पास ले लिया था। उमेश शर्मा के द्वारा अपनी टीम उनके आवास पर स्टिंग को लेकर भेजी गई और जितनी देर में वो मदन बिष्ट को अपनी बालकनी में पता बताने के लिए बाहर आए थे इतनी देर में वहां कैमरे फिट हो गए थे।
हरक सिंह रावत का कहना है कि इस मामले की अगर परते खुलेंगी तो इससे भाजपा को ही ज्यादा नुकसान होगा। अगर सीबीआई जांच के दौरान पूछताछ करती है तो बहुत सारी चीजें सीबीआई के सामने भी आएंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि वो तो अपने बयान को एफिडेविट में लिखकर भी सीबीआई के सामने देंगे ताकि सभी लोगों की पूछताछ हो सके।