नई दिल्ली। मंकीपॉक्स का खतरनाक वैरिएंट ‘क्लेड 1 बी’ भारत पहुंच गया है। यह बहुत तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है, जो कांगो सहित कई देशों में इन दिनों कोहराम मचा रहा है। हाल ही में यूएई से लौटे केरल के 38 वर्षीय व्यक्ति में Mpox के लक्षण दिखे थे, जिसके बाद सैंपल को जांच के लिए भेजा गया। जांच में Clade 1b स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। इसी स्ट्रेन के कारण अफ्रीकी देशों में Mpox के मामलों में बहुत तेजी से इजाफा हुआ। उसके बाद डब्ल्यूएचओ ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की थी। वहीं दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में हिसार के रहने वाले जिस 26 वर्षीय युवक में Mpox की पुष्टि हुई थी, उसके सैंपल की जांच में क्लेड 2 स्ट्रेन की पुष्टि हुई।
अफ्रीका के कई देशों में क्लेड 1बी के ज्यादा केस सामने आए हैं। जुलाई 2022 में Mpox का क्लेड-2 स्ट्रेन था, जिसमें मृत्यु दर 0.1 प्रतिशत थी और इस बार क्लेड- 1 में मृत्यु दर का आकलन 3 प्रतिशत तक किया जा रहा है। हालांकि भारत में अभी दो मामलों की ही पुष्टि हुई है और केरल के युवक की हालत भी स्थिर बताई जा रही है। वहीं दिल्ली के अस्पताल में भर्ती मरीज भी अब ठीक हो गया है। सूत्रों का कहना है कि Mpox से अफ्रीका के कई देश प्रभावित हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से स्थिति पर नजर रखी जा रही है। संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क से और आमतौर पर यौन संपर्क, शरीर, घाव के तरल पदार्थ के साथ सीधे संपर्क या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़े, चादर का इस्तेमाल करने से यह रोग होता है। चिकनपॉक्स और स्मॉल पॉक्स परिवार का Mpox भी है, जो ह्यूमन टु ह्यूमन एक से दूसरे में पहुंचता है। हालांकि यह कोविड की तरह हवा में नहीं फैलता है। डब्ल्यूएचओ द्वारा 2022 में पहली बार ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा के बाद से पिछले साल मई तक भारत में कुल 30 मामले पाए गए थे और एक व्यक्ति की इस बीमारी से मौत हुई थी।