फिर छेड़ा वही पुराना राग
- चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा- गलवान वैली हमारी सीमा में, भारतीयों ने तोड़ा समझौता
- 15 जून की शाम को भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार कर चीनी सैनिकों पर हमला बोला
बीजिंग/नई दिल्ली। चीन ने शुक्रवार देर रात फिर वही पुराना राग अलापते हुए गलवान घाटी को अपना बताया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाऊ लिजियन ने कहा कि गलवान घाटी चीन का हिस्सा है और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएससी) से हमारी तरफ है। भारतीय सैनिक यहां पर जबरन रोड और ब्रिज बना रहे हैं।
चीन के अलग-अलग अफसरों ने चार दिन में पांचवीं बार कहा कि 15 जून की शाम को भारतीय सैनिकों ने समझौते को तोड़ते हुए जानबूझकर एलएसी को पार किया और चीन के सैनिकों पर हमला किया।
लिजियन ने कहा कि 15 जून की घटना के लिए भारत जिम्मेदार है। गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से में आता है। कई सालों से वहां चीनी गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते हैं।
उधर गलवान में भारतीय सैनिकों की शहादत और चीनी सैनिकों के हमले पर प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी। इसमें मोदी ने कहा कि हमने अपनी सेनाओं को कदम उठाने की पूरी छूट दे रखी है। हमारी एक इंच जमीन पर भी कोई नजर नहीं डाल सकता। हमारी सीमा में किसी ने घुसपैठ नहीं की और न ही चीन ने हमारी किसी पोस्ट पर कब्जा किया। हमारे 20 जवान शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता को चुनौती दी थी, उन्हें वे सबक सिखाकर गए हैं। उनके शौर्य को पूरा देश याद रखेगा। उनके बलिदान से सभी आहत हैं।
चीन के पहले के चार बयान
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाऊ लिजियन ने 19 जून को कहा था- ‘सही क्या है और गलत क्या है, यह एकदम साफ है। जो कुछ हुआ, उसकी पूरी जिम्मेदारी भारत की है। भारत-चीन बातचीत कर रहे हैं।’
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने 18 जून को कहा था- ‘भारतीय फ्रंट-लाइन के सैनिकों ने समझौता तोड़ा और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को पार कर उकसाया और अफसरों-सैनिकों पर हमला किया। इसके बाद ही झड़प हुई और जान गई।’ उन्होंने कहा कि भारत मौजूदा हालात पर गलत राय न बनाए और चीन की अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की इच्छाशक्ति को कमजोर करके न देखे।
17 जून को झाऊ लिजियन ने कहा कि गलवान घाटी की संप्रभुता हमेशा से चीन के हिस्से ही रही है। भारतीय सेना ने बॉर्डर प्रोटोकॉल तोड़ा। उन्होंने न केवल सीमा का उल्लंघन किया, बल्कि कमांडर लेवल की बातचीत का भी ध्यान नहीं रखा।
इससे पहले 16 जून को दोपहर करीब 1 बजे हिंसक झड़प की खबर दुनिया के सामने आई थी। इसके बाद चीन के सरकारी अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया। गलवान घाटी में बीते सोमवार रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे।