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जोशीमठ : देवस्थान तोक के ग्रामीणों के लिए मुसीबत बनी ऑलवेदर रोड परियोजना

जोशीमठ। उत्तराखंड के पहाड़ों में हमेशा खतरे का साया मंडराता रहता है। वहीं पीपलकोटी के गडोरा वार्ड के देवस्थान तोक के ग्रामीणों के लिए ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य मुसीबत का सबब बना है। वर्ष 2019 में परियोजना कार्य शुरू होते ही देवस्थान तोक के निचले हिस्से में भूस्खलन शुरू हो गया था जो अभी भी जारी है।और कई मकानों में गहरी दरारें आ गई हैं।

बता दें कि देवस्थान तोक में अनुसूचित जाति के 12 परिवार रहते हैं। वर्ष 2019 में पीपलकोटी क्षेत्र में ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत बदरीनाथ हाईवे पर हिल कटिंग शुरू हुई थी तब से गडोरा गांव के निचले हिस्से में लगातार भूस्खलन हो रहा है। नगर पंचायत अध्यक्ष रमेश बंडवाल के मकान में भी दरारें आ गई हैं। साथ ही ग्रामीण बंशीलाल, केशव विश्वकर्मा, शिवचरण बंडवाल, देवेश, गोरीश, दिनेश, देवेंद्र, अनिल, पुष्कर लाल, सुरेश और ऋषिचरण के मकानों पर भी गहरी दरारें पड़ी हैं। केशव का कहना है कि क्षतिग्रस्त मकानों में रहने में भी डर लग रहा है। बरसात में वे अपने घर को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाते हैं। वहीं क्षेत्र में पैदल रास्ते भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिससे स्कूली बच्चों व आम लोगों को आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं।

प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित शहरों में भी जनदबाव बढ़ा है। मसूरी, नैनीताल जैसे शहर पहले से ही अधिक बोझ झेल रहे हैं। जोशीमठ शहर के आपदाग्रस्त क्षेत्र में भूधंसाव और भवनों में दरारें पड़ने के पीछे एक बड़ा कारण वहां भूमि में धारण क्षमता से ज्यादा भार होना माना जा रहा है। पूर्व में आई विज्ञानियों की रिपोर्ट भी इस तरफ इंगित करती रही हैं। अब सरकार ने जोशीमठ से सबक लेकर पहाड़ के सभी शहरों की धारण क्षमता का आकलन कराने का निर्णय लिया है।

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