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जोशीमठ प्रभावितों के लिए सरकार ने सुझाए तीन विकल्प, लेकिन मुआवजा पाने को पूरी करनी होगी ये शर्त

जोशीमठ। भू-धंसाव ग्रस्त जोशीमठ के प्रभावितों के पुर्नवास को सरकार का लगातार मंंथन जारी है। जोशीमठ के प्रभावितों के विस्थापन को लेकर चमोली के जिलाधिकारी ने सरकार की ओर से गठित हाई लेवन कमेटी के सामने तीन विकल्प दिए। साथ ही उन्होंने मुआवजा देने को लेकर एक शर्त की बात भी रखी। भूधंसाव ग्रस्त जोशीमठ में पुनर्वास एवं विस्थापन के लिए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने सोमवार को तीन विकल्प पेश किए। खुराना ने ये विकल्प जोशीमठ भूधंसाव के लिए अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में रखे।

वहीं आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा के अनुसार समिति ने इन विकल्पों पर सहमति जताई। उन्होंने बताया कि जोशीमठ में जांच कार्य में जुटे संस्थानों की अंतिम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट होगा कि कितने परिवारों का स्थायी रूप से पुनर्वास किया जाना है। प्रभावितों से प्रस्तावित विकल्पों पर सहमति लेने के बाद पुनर्वास की कार्यवाही की जाएगी।

● प्रभावित भू-भवन स्वामियों का वन टाइम सेटलमेंट किया जाएगा। उन्हें भूमि व भवन के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार मुआवजे के तौर पर एकमुश्त धनराशि दी जाएगी। भुगतान से पहले संबंधित प्रभावित की भूमि व भवन की रजिस्ट्री सरकार के पक्ष में की जाएगी।

● प्रभावितों को भूमि के सापेक्ष घर बनाने के लिए अधिकतम 100 वर्ग मीटर की भूमि दी जाएगी। प्रभावित की इससे ज्यादा भूमि होने की दशा में उसे तय मानकों के अनुसार मुआवजा राशि दी जाएगी। इससे पहले प्रभावित की ऐसी भूमि सरकार में निहित की जाएगी।

● पुनर्वास के लिए चिह्नित स्थान पर 75 वर्ग मीटर में डूप्लेक्स भवन का निर्माण कर सरकार देगी। यदि भूमि व आवास का क्षेत्रफल 75 वर्ग मीटर से अधिक है तो उसे इसकी धनराशि दी जाएगी। पुनर्वास से पहले संबंधित प्रभावित की भूमि भी सरकार में निहित की जाएगी।

सचिव सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में आपदा प्रभावित क्षेत्र के संबंध में विभिन्न तकनीकी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण की अन्तिम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि जोशीमठ के कितने क्षेत्र से स्थायी रूप से विस्थापन आवश्यक है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद प्रभावित परिवारों से उक्त प्रस्तावित विकल्पों के अनुसार सहमति प्राप्त की जायेगी। उन्होने बताया कि संस्थानों की अन्तिम रिपोर्ट आने के बाद ही जोशीमठ क्षेत्र में आपदा के न्यूनीकरण, क्षेत्र के स्थिरीकरण, जल निकासी योजना इत्यादि कार्यों के संबंध में निर्णय होंगे। वहीं उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा यह निर्देश भी दिये गये कि जोशीमठ क्षेत्र के आपदा प्रभावित परिवारों या व्यक्तियों के साथ ही प्रभावित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के भी बिजली और पानी के बिल छह माह के लिए माफ किए जाए।

जोशीमठ भूधंसाव से प्रभावित तीन विद्यालयों के छात्रों को 12 किलोमीटर दूर स्थित स्कूल में स्थानांतरित किए जाने के मददेनजर समिति ने चमोली के जिलाधिकारी से उनके लिए निःशुल्क यातायात की व्यवस्था करने को कहा है।

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